Petrol Diesel Prices To Shoot Up: देशवासियों महंगाई का तगड़ा झटका लगने वाला है. पेट्रोल डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी के लिए आप अपनी कमर कस लिजिए. रूस द्वारा यूक्रेन केपर हमले और युद्ध के आसार के चलते कच्चे तेल के दाम 101 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड़ स्तर पर जा पहुंचा है. सितंबर 2014 के बाद ये पहला मौका है जब कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल को छूआ है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पूरी तरह छिड़ गया तो कच्चा तेल और भी महंगा हो सकता है.
कच्चे तेल के दामों पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय रिसर्च एजेंसियों की मानें तो कच्चे तेल के दाम और ऊपर जा सकता है. Goldman Sachs ने कहा था कि 2022 में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल को छूने की भविष्यवाणी सही साबित हुई है. वहीं JP Morgan ने तो 2022 में 125 डॉलर प्रति बैरल और 2023 में 150 डॉलर प्रति बैरल तक दाम छूने की भविष्यवाणी की है.
कच्चे तेल के दामों में आग लगी है. 2022 में कच्चे तेल के दामों में 25 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है, बीते दो महीने से लगातार कच्चे तेल के दामों में तेजी देखी जा रही है. एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल के दाम 68.87 डॉलर प्रति बैरल था. जो अब 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा है. यानि डेढ़ महीने के भीतर कच्चे तेल के दामों में निचले स्तर से 40 फीसदी की तेजी आ चुकी है.
लेकिन मुश्किल यही खत्म नहीं होती क्योंकि हालांकि देश में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जबकि कच्चे तेल के दामों में भारी उछाल आ चुका है. दरअसल देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और 10 मार्च को नतीजें आयेंगे. माना जा रहा है कि चुनाव में नुकसान के चलते सरकारी तेल कंपनियां कच्चे तेल के दामों में जबरदस्त तेजी के बावजूद सरकार के दवाब में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई परिवर्तन नहीं कर रही हैं. चुनावों के बाद सरकारी तेल कंपनियां घाटा पूरा करने के लिए जरुर कीमतों में बढ़ोतरी करेंगी.