चीन के साथ लगातार बढ़ रहा है भारत का व्यापार घाटा, सामान्य प्रशासन कस्टम विभाग ने जारी किए आकड़े

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Update: 2022-07-13 15:03 GMT

भारत और चीन के बीच व्यापार 2022 के पहले छह महीनों में 67.08 अरब डॉलर रहा। यह एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 16.5 फीसदी ज्यादा है। चीन के सामान्य प्रशासन कस्टम (जीएसी) ने बुधवार को ताजा आंकड़े जारी किए। चीन की ओर से जारी ताजा डेटा भारत के जबरदस्त व्यापार घाटो को दर्शाता है। 2022 के पहले 6 महीनों में चीन से भारत के लिए निर्यात 57.51 बिलियन डॉलर रहा। यह पिछले साल की तुलना में 34.5% ज्यादा है। वहीं भारत से चीन के लिए निर्यात 9.57 बिलियन डॉलर रहा, जो कि 2021 की पहली छमाही की तुलना में 35.3% की तेज गिरावट को दिखाता है। सही मायनों में इस साल जनवरी से जून के बीच भारत का व्यापार घाटा 47.94 अरब डॉलर था।

जनवरी में जारी चीनी आंकड़ों के अनुसार, 2021 में भारत और चीन के बीच कुल व्यापार 125 अरब डॉलर था, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था। दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा भी बढ़कर 69 अरब डॉलर हो गया था। चीन को भारत के प्रमुख निर्यात में लौह अयस्क, कपास, तांबा, एल्यूमीनियम और हीरे व प्राकृतिक रत्न शामिल हैं।
व्यापार घाटे को लेकर बीजिंग में भारतीय दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर कहा, "समय के साथ, हमारी इन कच्चे माल-आधारित वस्तुओं पर मशीनरी, बिजली से संबंधित उपकरण, दूरसंचार उपकरण, जैविक रसायन, और उर्वरकों का चीनी निर्यात हावी हो गया है।" नोट में कहा गया है कि चीन में अधिकांश भारतीय कृषि उत्पादों की बाजार तक पहुंच में बाधाएं हैं। भारत फार्मास्यूटिकल्स और आईटी के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी है और अच्छा कर सकता है लेकिन चीन में "बाजार पहुंच की बाधाएं" शामिल हैं।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के बावजूद, चीन ने मई में कहा कि यह भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना हुआ है। चीन ने यह बयान ऐसे समय में दिया था जब भारत ने आंकड़े जारी कर कहा था कि उसने 2021 में किसी अन्य देश के मुकाबले अमेरिका के साथ अधिक व्यापार किया।
भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में मई में डेटा प्रकाशित किया था जिसमें दिखाया गया था कि 2021-22 में अमेरिका चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत का शीर्ष व्यापारिक भागीदार बन गया है।
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