अप्रैल-सितंबर छमाही में भारत का गोल्ड इंपोर्ट बढ़कर 24 अरब डॉलर
भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर है. अप्रैल-सितंबर छमाही में भारत का गोल्ड इंपोर्ट बढ़कर 24 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर है. अप्रैल-सितंबर छमाही में भारत का गोल्ड इंपोर्ट बढ़कर 24 अरब डॉलर पर पहुंच गया. ऐसा गोल्ड डिमांड में आई तेजी के कारण हुआ है. यह जानकारी कॉमर्स मिनिस्ट्री की तरफ से की गई है. पिछले साल अप्रैल-सितंबर छमाही में गोल्ड इंपोर्ट 6.8 अरब डॉलर रहा था.
केवल सितंबर महीने में देश का गोल्ड इंपोर्ट 5.11 अरब डॉलर रहा जो सितंबर 2020 में 601 मिलियन डॉलर रहा था. हालांकि, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सिल्वर इंपोर्ट में 15.50 फीसदी की गिरावट आई है. पहली छमाही में चांदी का कुल आयात 619 मिलियन डॉलर का रहा. केवल सितंबर के महीने में चांदी का आयात 552.33 मिलियन डॉलर का रहा जो सितंबर 2020 में 9.23 मिलियन डॉलर का रहा.
सोने के आयात में तेजी से व्यापार घाटा बढ़ा है
जब सोने का आयात बढ़ता है तो देश के करंट अकाउंट पर बोझ बढ़ जाता है. इसके current account deficit कहते हैं. वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्ड इंपोर्ट में तेजी कारण देश का व्यापार घाटा बढ़ा है. ट्रेड डेफिसिट किसी देश के आयात और निर्यात के बीच का अंतर होता है. अगर निर्यात के मुकाबले आयातर ज्यादा होता है तो इसे डेफिसिट कहते हैं. वहीं, आयात के मुकाबले निर्यात ज्यादा होने पर यह सरप्लस माना जाता है.
सितंबर में व्यापार घाटा 22.59 अरब डॉलर
आंकड़ों के अनुसार सितंबर में व्यापार घाटा बढ़कर 22.59 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल के इसी महीने में 2.96 अरब डॉलर था. इसकी वजह सोने और तेल के आयात में उछाल है. सितंबर में सोने का आयात पिछले साल की समान अवधि के 60.1 करोड़ डॉलर से बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया. तेल का आयात सितंबर 2020 में 5.83 अरब डॉलर की तुलना में सितंबर 2021 में 17.44 अरब डॉलर रहा. वहीं अप्रैल-सितंबर 2021 के दौरान, आयात पिछले साल की समान अवधि के 32.01 अरब डॉलर के मुकाबले 72.99 अरब डॉलर रहा.
पहली छमाही में कुल व्यापार घाटा 78.13 अरब डॉलर
चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में व्यापार घाटा पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 26.31 अरब डॉलर की तुलना में बढ़कर 78.13 अरब डॉलर रहा. भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि अगर यह रुख रहा तो भारत का निर्यात चालू वित्त वर्ष के अंत तक 400 अरब डॉलर पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा, ''लेकिन हमें व्यापार घाटा को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.''