भारत का कॉफी निर्यात 55 प्रतिशत बढ़ा, वैश्विक मांग में वृद्धि का मिला फायदा
नई दिल्ली: भारत का कॉफी निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सालाना आधार पर 55 प्रतिशत बढ़कर 7,771.88 करोड़ रुपये हो गया है, यह पिछले वित्त वर्ष की सामन अवधि में 4,956 करोड़ रुपये पर था। इसमें बढ़त की वजह दुनिया में भारतीय कॉफी की मांग में इजाफा होना है।
कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर से जारी किए गए डेटा में बताया गया कि अप्रैल से सितंबर की अवधि में भारत द्वारा 2.2 लाख टन कॉफी का निर्यात किया गया है। बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 1.91 लाख टन था, जो दिखाता है पिछले एक वर्ष में वॉल्यूम में 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
प्रत्याशित यूरोपीय निर्यात नियमों के बीच, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉफी की कीमत में तेज वृद्धि हुई है। कॉफी खरीदार भारतीय कॉफी के लिए औसतन 352 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान कर रहे हैं, जो पहले 259 रुपये प्रति किलोग्राम था। भारत की ओर से कॉफी का सबसे ज्यादा निर्यात इटली को किया है। देश के कॉफी निर्यात में इटली की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है। इसके बाद जर्मनी, रूस, यूएई और बेल्जियम की संयुक्त हिस्सेदारी 45 प्रतिशत है।
फसल वर्ष 2023-24 में भारत में कॉफी का उत्पादन लगभग 3.6 लाख मीट्रिक टन था। 2021-22 के दौरान, भारतीय कॉफी निर्यात 1.016 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष 2020-21 से 38 प्रतिशत अधिक था। वर्ष 2021-22 में वैश्विक कॉफी निर्यात में लगभग 6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में कॉफी का पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक था।
भारत के कॉफी उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत कर्नाटक में होता है। केरल भारत के कॉफी उत्पादन में 20 प्रतिशत का योगदान देता है, जो इसे देश में दूसरा सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक राज्य बनाता है। तमिलनाडु 5.7 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है।