देश के सबसे बड़े निवेशक झुनझुनवाला का बड़ा बयान, इतने साल में चीन को पछाड़ कर आगे निकल जाएगा भारत

देश के सबसे बड़े निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने एक बड़ा बयान दिया

Update: 2021-02-26 11:52 GMT

देश के सबसे बड़े निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ भारत आगे निकल जाएगा. एक इंटरव्यू में झुनझुनवाला ने कहा, आप मुझे मूर्ख कहें या आप मुझे कुछ भी कहें, मैं इसे देखने के लिए नहीं रहूंगा, लेकिन मैं आपको एक बात बता दूं कि भारत अगले 25 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा. उनके मुताबिक, अगले तीन-चार साल भारत की ग्रोथ दो डिजिट में होगी.


ईटी नाऊ के साथ एक इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि क्या ग्रोथ और आइडिएशन के मामले में यह दशक भारत का है? राकेश झुनझुनवाला ने ने कहा कि शुरुआती इंडिकेटर्स बहुत सकारात्मक हैं. हमें यह कहने की जरूरत नहीं है कि अमेरिका में कोविड के बहुत सारे केस मिले हैं और हमारे यहां कोरोना के कम मामले आए हैं. हमारे यहां आम धारणा यह है कि हमारे आंकड़े झूठे हैं. उन्होंने कहा, ये आंकड़े 27 राज्य सरकारें दे रही है, न कि केंद्र सरकार. ऐसा नहीं हो सकता है कि सभी 27 राज्य सरकारें एक साथ मिलकर आंकड़ों में हेराफेरी करे.

भारत का होने जा रहा है यह दशक
झुनझुनवाला ने कहा, हम दुनिया के सबसे कुशल लोगों में से हैं और हमने पिछले 8-10 वर्षों में बहुत से बदलाव देखे हैं और सरकार ने और रिफॉर्म्स का वादा किया है. इसमें कोई सवाल नहीं है कि यह भारत का दशक होने जा रहा है और भारत के कई दशकों की शुरुआत हो सकती है. मुझे यह भी लगता है कि प्राइवेटाइजेशन पर सरकार की घोषणाओं के बाद अर्थव्यवस्था और उदार हो सकती है.

प्रॉफिट कमाना होता है जरुरी
उन्होंने कहा, लोग समाजवाद और पूंजीवाद की बात करते हैं. मैं यथार्थवाद की बात करता हूं और यथार्थवाद यह है कि आप जितना ज्यादा अर्थव्यवस्था को खोलेंगे, उतना ही समृद्ध होगा. उन्होंने कहा, जब अग्रवाल ने हिन्दुस्तान जिंक को खरीदा था, उस समय कंपनी का मुनाफा 200 करोड़ रुपए भी नहीं था. आज इसका प्रॉफिट 7,000 करोड़ रुपए है.

आर्थिक सुधारों के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते
कोविड संकट दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इसने बहुत सारी चीजों को बदल दिया है. सरकार ने आत्मानिर्भर कार्यक्रम, पीएलआई स्कीम शुरू कीं और सरकार अब रेटिंग एजेंसियों की परवाह किए बिना खर्च करने में सक्षम है? इस पर झुनझुनवाला ने कहा, मुझे नहीं लगता कि कोविड की वजह से ये बदलाव आए हैं. मोदी जी बहुत समझदार इंसान हैं. ये बदलाव होने वाले थे. मैंने मोदी जी को एक समाजवादी बताया है. एक समाजवादी जो हर किसी की भलाई चाहते है. पीएम मोदी ने महसूस किया कि आर्थिक सुधारों के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि सुधारों को लागू किया जाएगा.

25 वर्षों में चीन से आगे निकलेगा भारत
सरकार कह रही है कि वह केवल स्टैटेजिक सेक्टर्स के बिजनेस में रहना चाहते हैं. क्या आप समझ रहे हैं कि इस बार विनिवेश से हिंदुस्तान जिंक और मारुति जैसी कई कंपनियां बन सकती हैं? अरबपति निवेशक ने कहा, बिल्कुल, प्राइवेटाइजेशन पर कोई प्रश्न नहीं है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में बहुत अधिक क्षमता की गुंजाइश है. मैं सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों या सार्वजनिक क्षेत्र को दोष नहीं देता, क्योंकि हर कोई एक ऐसे संगठन के लिए काम करना चाहता है जिस पर गर्व है. अब जो भी कारण है, लेकिन पब्लिक सेक्टर में बहुत सारी समस्याएं हैं. वे केवल कर्मचारियों के लिए अपनेपन और गर्व की भावना संचारित करने में सक्षम नहीं हैं और नतीजतन, वे अपना सर्वश्रेष्ठ देने में सक्षम नहीं हैं. आप मुझे मूर्ख कहें या आप मुझे कुछ भी कहें, मैं इसे देखने के लिए नहीं रह सकता, लेकिन मैं आपको एक बात बता सकता हूं- भारत अगले 25 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा.

घरेलू खपत पर बढ़ने वाले देश को होगा फायदा
हर 10-15 साल बाद ऑर्डर बदलता है. पहले जापान था फिर अमेरिका आया और अब चीन है. हालांकि पिछले 10 वर्षों से अमेरिका हावी है. क्या इस साल कुछ बदलाव हो सकता है? उन्होंने कहा, बहुत सारे देश एक्सपोर्ट ओरिएंटेड हैं. एक्सपोर्ट आधारित ग्रोथ एक समय तक रह सकती है. यह तेजी से आता है. लेकिन इसे ज्यादा समय तक बनाए रखना आसान नहीं है. जो देश अपने घरेलू कंजम्पशन पर बढ़ते है, उन्हें उस मुकाम तक पहुंचने का सुरक्षित रास्ता मिल जाता है.


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