नई दिल्ली | अडानी ग्रुप पर कॉर्पोरेट गड़बड़ी के आरोपों के बाद से अडानी ग्रुप और भारतीय शेयर बाजार दोनों में काफी सुधार हुआ है। मार्केट कैप के लिहाज से भारत ने अब अपना शीर्ष पांच स्थान फिर से हासिल कर लिया है। पिछले तीन वर्षों में भारतीय शेयर मार्केट ने दुनिया के अधिकतर बड़े बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया है। इसने वैश्विक मार्केट कैप में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है और मार्च 2022 में यूके को पछाड़कर शीर्ष पांच में पहुंच गया है। हालांकि, जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप पर कॉर्पोरेट गड़बड़ी के आरोपों के बाद रैंकिंग में गिरावट आई।
गोल्डमैन सैक्स के पूर्वानुमान के अनुसार, 2050 तक भारत चीन और अमेरिका के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। वर्तमान में भारत पांचवें स्थान पर है। उभरते बाजारों में चीन की सापेक्ष हिस्सेदारी 2050 में घटकर लगभग 30% होने की उम्मीद है, जो अभी 40% है, जबकि भारत की हिस्सेदारी 12% से बढ़कर 17% होने का अनुमान है।इसके बाद से अडानी ग्रुप और भारतीय शेयर बाजार दोनों में काफी सुधार हुआ है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक मार्च से भारतीय इक्विटी में शुद्ध खरीदार रहे हैं और पिछले महीने 6.7 अरब डॉलर का निवेश किया है। भारत ने अब अपना शीर्ष पांच स्थान फिर से हासिल कर लिया है। पिछले हफ्ते बीएसई का एम-कैप ₹300 ट्रिलियन के आंकड़े पर पहुंच गया।पिछले 3 वर्षों में भारत के शेयर बाजारों ने प्रतिस्पर्धियों को पछाड़ दिया है।