वैश्विक संकेतों और घरेलू बाजार घटकों के कारण भारतीय बाजार

Update: 2023-08-10 04:07 GMT

 शेयर बाजार में इन दिनों काफी उठा पटक चल रही है। ग्लोबल संकेतों और घरेलू बाजार के घटकों के कारण भारतीय बाजार पर बड़ा असर पड़ रहा है। पिछले हफ्ते कहां बाजार में निवेशकों के लाखों करोड़ डूब गए। वहीं, इस हफ्ते के पहले व्यवसायी दिन बाजार में रौनक बनी रही। जबकि, बाजार में मंगलवार को मिला जुला असर देखने को मिला। समझा जा रहा है कि निवेशक शीर्ष बैंक रिजर्व बैंक के द्वारा मौद्रिक समीक्षा की बैठक के नतीजों की प्रतिक्षा कर रहे हैं। मगर, म्यूचुअल फंड में निवेश शेयर बाजार से निवेश से काफी अलग होता है। दोनों निवेश में बाजार का जोखिम शामिल होता है। मगर, शेयर बाजार की अपेक्षा इसमें खतरा कुछ मामलों में कम होता है।

म्यूचुअल फंड की ठीक सूचना है जरूरी

निजी वित्तीय सलाहकार विनय चौधरी ने कहा कि किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले उसके बारे में ठीक जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है। जानकारी होने से आधी परेशानी दूर हो सकती है। हालांकि, म्यूचुअल फंड में निवेश अपने रिस्क पर की जाती है। आप इन फंडों के सहारे बाजार की तेजी का भागीदार बन सकते हैं। इसके लिए आपको अपने लिए ठीक म्यूचुअल फंड का चुनाव करना महत्वपूर्ण होगा। म्यूचुअल फंड का चुनाव करने के लिए आमतौर पर उनके पिछले प्रदर्शन अथवा फंड मैनेजर और फिर फंड हाउस के नाम का सहारा लेते हैं। मगर ये तरीका भी परफेक्ट नहीं है। कभी भी कंपनी का पास्ट परफॉर्मेंस इस बात का सबूत नहीं है कि आने वाले समय में भी वह फंड उसी हिसाब से रिटर्न देगा। फंड मैनेजर या फंड हाउस भी रिटर्न की गारंटी नहीं होते हैं। ऐसे में निवेशकों के सामने सबसे बड़ा प्रश्न है कि किस आधार पर वो अपना पैसा म्यूचुअल फंड में निवेश करें।

मजबूत जोखिम प्रबंधन करें

शेयर बाजार में हर स्तर पर जोखिम है। ऐसे में विनय चौधरी बताते हैं कि शेयर बाजार में अच्छा रिटर्न के साथ पैसा डूबने का भी खतरा रहता है। ऐसे में म्यूचुअल फंड को चुनते समय यह देखना महत्वपूर्ण है कि उसका फंड हाउस रिस्क को किस तरह से मैनेज कर रहा है। म्यूचुअल फंड को चुनते समय बाजार में अस्थिरता से लेकर क्रेडिट रिस्क, ब्याज दरों और महंगाई सभी पहलूओं को ध्यान में रखें। इसके साथ ही, बहुत अधिक रिटर्न की चक्कर में नहीं पड़े। इसके बजाये, निवेशकों को टिकाऊ और स्थिर रिटर्न पर फोकस करना चाहिए। अस्थिर या अधिक रिटर्न के लालच में कोई भी निवेशक अपनी पूरी सेविंग्स गंवा सकता है। आप, स्थिर रिटर्न पर ध्यान लगाते हुए लंबे समय तक लगातार बने रहने से आप वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड क्या है

म्यूच्यूअल फंड एक प्रकार का निवेश का तंत्र होता है जिसमें विभिन्न निवेशकों के धन को एक साथ एकत्रित करके उन्हें विभिन्न प्रकार के निवेशों में निवेश किया जाता है। म्यूच्यूअल फंड कंपनियां निवेशकों के लिए निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करती हैं और उनके लिए विभिन्न प्रकार के विनिवेश विकल्प प्रदान करती हैं।

म्यूच्यूअल फंड के कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं:

पेशेवर प्रबंधन: म्यूच्यूअल फंड कंपनियां निवेशकों के लिए पेशेवर निवेश पोर्टफोलियो प्रबंधन करती हैं। उन्हें विशेष ज्ञान और अनुभव होता है जो उनके निवेशों को बेहतर बनाने में सहायता करता है।

निवेशों का विवेकपूर्ण चयन: म्यूच्यूअल फंड कंपनियां विभिन्न निवेशों के चयन में सतर्कता बरतती है ताकि निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखा जा सके और सामान्य फायदा प्राप्त किया जा सके।

निवेशकों की विनिवेश की सुविधा: म्यूच्यूअल फंड में निवेशक अपने निवेश को विभिन्न प्रकार के विनिवेश विकल्प में विभाजित कर सकते हैं, जैसे कि शेयरों, बॉन्ड्स, मोटिल फंड्स, सोने की योजनाएं, आदि। इससे उन्हें निवेश के विभिन्न माध्यमों का फायदा उठाने की सुविधा मिलती है।

लिक्विडिटी और उपयोगिता: म्यूच्यूअल फंड कंपनियां निवेशकों को उनके निवेश से सरलता से पैसे निकालने की सुविधा प्रदान करती है, जिससे उनकी लिक्विडिटी बनी रहती है।

निवेशक सुरक्षा: म्यूच्यूअल फंड कंपनियां निवेशकों के पैसों का प्रबंधन करती हैं, इसका मतलब विनिवेश के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी प्राथमिक होती है।

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