रूस-यूक्रेन युद्ध संकट के बीच भारत सरकार का बड़ा फैसला, इस प्रतिबंध को हटाया

Update: 2022-02-17 08:45 GMT

नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of civil Aviation) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए गुरुवार को एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत-यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटा दिया है. इसके बाद अब कितनी भी उड़ानें और चार्टर उड़ानें (Charter flights) संचालित की जा सकती हैं. मंत्रालय की ओर से साझा जानकारी में कहा गया है कि वह विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है. बता दें कि यूक्रेन की सीमा पर रूसी सेना के तैनात होने के बाद से हालात लगातार बिगड़ते नजर आ रहे थे.

इस बीच अमेरिका और रूस के बीच जमकर बयानबाजी भी शुरू हो चुकी थी. एक वक्त ऐसा लगा था कि दोनों देश यूक्रेन को लेकर आपस में टकरा सकते हैं. लेकिन 15 फरवरी को बताया गया कि रूस ने अपनी सेना को वापस बेस पर भेजने का ऐलान कर दिया है. रूस की तरफ से ये भी कहा गया है कि उसका कभी भी यूक्रेन पर हमला करने का इरादा नहीं था. उन्हें लेकर जो कुछ भी बातें हो रही थीं, उनका कोई भी आधार नहीं था.
मंत्रालय ने संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे छात्रों और पेशेवरों को आसानी से निकालने के लिए भारत और यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटाने का यह निर्णय लिया है. एक बयान में कहा गया है कि भारतीय एयरलाइंस को उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा गया है, क्योंकि रूस के यूक्रेन की ओर बढ़ने के साथ मांग में वृद्धि हुई है. भारत ने यूक्रेन में अपने नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहा है, लेकिन 20 फरवरी से पहले कोई उड़ान उपलब्ध नहीं है.
गौरतलब है कि भारत और यूक्रेन के बीच एक एयर बबल समझौता है, जिसके तहत दोनों देश प्रति सप्ताह एक निश्चित संख्या में उड़ानें संचालित कर सकते हैं. जब अंतरराष्ट्रीय यात्रा निलंबित कर दी गई थी, तब महामारी के दौरान इस समझौते की आवश्यकता पड़ी थी. लेकिन अब जबकि हजारों भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं, मंत्रालय ने पहले लगाई गई सीमा को हटाने का फैसला किया है. इसका मतलब है कि एयरलाइंस कितनी भी उड़ानें संचालित कर सकती हैं. भारत और यूक्रेन के बीच चार्टर्ड उड़ानें भी संचालित की जा सकती हैं.

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