सबसे तेज गति से भारतीय अर्थव्यवस्था करेगी विकास, वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की मासिक आर्थिक समीक्षा के मुताबिक आम बजट 2022-23 (Budget 2022) में सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) बड़े देशों में सबसे तेज गति से बढ़ोतरी दर्ज करेगी. समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलआई योजनाओं (PLI Scheme) और इंफ्रास्ट्रक्चर में सार्वजनिक पूंजीगत निवेश के चलते विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र वृद्धि के मुख्य वाहक होंगे. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि प्रधानमंत्री किसान योजना (PM Kisan Scheme) के जरिए लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और आय हस्तांतरण से कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) में भी लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत अभी तक एकमात्र बड़ा और प्रमुख देश है, आईएमएफ (IMF) ने जिसका वृद्धि अनुमान 2022-23 के लिए बढ़ाया है. बता दें कि आईएमएफ ने वर्ष 2022 के लिए अपने वैश्विक वृद्धि अनुमान को घटा दिया है.
दुनिया के बड़े देशों के बीच सबसे तेजी से बढ़ने का अनुमान
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लोगों के लचीलेपन और उसकी नीति निर्माण की दूरदर्शिता के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के 2022-23 में दुनिया के बड़े देशों के बीच सबसे तेजी से बढ़ने का अनुमान है, जबकि यह 2020-21 में 6.6 प्रतिशत घटी थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि आम बजट 2022-23 ने पिछले बजट में तय दिशा को मजबूत किया है.
साल 2022-23 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8% रहने का अनुमान
पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश की रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रह सकती है. सरकार ने बजट में बताया था कि साल 2022-23 के लिए देश की अर्थव्यवस्था के 9.27% की दर से GDP ग्रोथ हासिल करने का अनुमान है.
वर्ल्ड बैंक ने हाल में अपनी रिपोर्ट में बताया था कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान 8.3 फीसदी रह सकता है. बैंक अपने पहले के अनुमान पर बरकरार है. वहीं, वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 अनुमान को बढ़ाकर 8.7 फीसदी कर दिया.
वित्त मंत्री ने बजट में कहा था कि भारत की मौजूदा साल में जीडीपी ग्रोथ 9.27 फीसदी रह सकती है. यह सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा होगी. कोविड-19 की तीसरी लहर के प्रभाव पर इसने कहा, समग्र आर्थिक गतिविधि लचीली रही और यह बिजली की खपत, पीएमआई निर्माण, निर्यात और ई-वे बिल निर्माण जैसे हाई फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर्स के प्रदर्शन से पता चलता है.
वित्तीय वर्ष 2022-23 का कुल बजट 39.45 लाख करोड़ रुपए का है. इसमें से सरकार को कुल 22.84 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी. यानी सरकार को पूरे बजट खर्च के लिए करीब 11.58 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेना होगा.