भारतीय कंपनियां खर्च कर रही हैं टेक्नोलॉजी पर मेक इन इंडिया मिल रहा लाभ
भारत में 74 फीसदी व्यवसाय वर्ष 2022 में प्रौद्योगिकी पर अधिक खर्च कर सकते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत में 74 फीसदी व्यवसाय वर्ष 2022 में प्रौद्योगिकी पर अधिक खर्च कर सकते हैं वहीं 72 फीसदी से ज्यादा व्यवसाय (Make in India) अधिक पूंजीगत निवेश कर सकते हैं. अमेरिकन एक्सप्रेस तथा इन्वेस्ट इंडिया की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है. 'भारत कारोबार खर्च सूचकांक (IBSI)' रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021 में अन्य देशों के व्यवसायों की तुलना में भारतीय व्यवसायों का खर्च तीन गुना अधिक रहा जो उनकी वृद्धि का संकेत है. इसमें कहा गया कि आने वाले समय में व्यवसायों की स्थिति और भी मजबूत होगी. इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बी2बी (व्यवसाय-से-व्यवसाय) खर्च 2021 की तीसरी तिमाही में एक साल पहले के मुकाबले 9.4 फीसदी बढ़ा और 2022 में इसमें 10.3 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है.
मेक इन इंडिया का दिख रहा असर
सर्वेक्षण में शामिल 83 फीसदी कारोबारियों ने कहा कि भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान से उनके व्यवसायों को लाभ मिला. इन्वेस्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक बागला ने कहा, ''यह रिपोर्ट सरकार की प्रमुख नीतियों के प्रति व्यवसायों की सकारात्मक प्रतिक्रिया को दिखाती है.''
2.3 लाख करोड़ का इंसेंटिव
मेक इन इंडिया प्रोग्राम को पुश करने के लिए सरकार ने भारी-भरकम इंसेंटिव का ऐलान किया है. उम्मीद की जा रही है कि अगले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में देश का इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री का आकार करीब 7 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा. मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया के तहत 2.3 लाख करोड़ रुपए का भारी भरकम पुश जारी किया है. कोरोना काल में सप्लाई चेन की समस्या और खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए चीन पर निर्भरता से पूरी दुनिया को परेशानी हुई. ऐसे में भारत खुद को इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में नए सेंटर के रूप में विकसित करना चाहता है.