दिल्ली। मोदी सरकार ने पिछले कुछ सालों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) पर विशेष रूप से ध्यान दिया है. बजट पेश करते हुए 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि उनकी सरकार करीब डेढ़ हजार गैर-जरूरी कानूनों को खत्म कर देश में बिजनेस करना और आसान बना रही है. पिछले दो सालों में 25 हजार से ज्यादा कंप्लायंस नियमों को वापस लिया गया है. इन फैसलों का असर अब दिख रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए कारोबार को शुरू करने की सुगमता के मामले में भारत दुनिया की टॉप-5 इकोनॉमी में शामिल हो गया है. 500 रिसर्चर्स के एक गठजोड़ ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. कम इनकम वाली इकोनॉमी में तो भारत टॉप पर है. दुबई एक्सपो में पेश की गई वैश्विक उद्यमिता निगरानी (Global Entrepreneurship Monito) 2021/2022 रिपोर्ट ने 47 उच्च, मध्यम और निम्न-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं से संबंधित 2,000 प्रतिभागियों की राय के आधार पर ये आंकड़े जुटाए हैं.
भारतीय प्रतिभागियों ने अपनी उद्यमशीलता गतिविधि, उद्यम के प्रति दृष्टिकोण और स्थानीय उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित सवालों के जवाब दिए. करीब 82 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि भारत में कारोबार शुरू करना आसान है. इस मामले में वैश्विक स्तर पर भारत चौथे स्थान पर रहा है. करीब 83 फीसदी प्रतिभागियों का मानना है कि उनके क्षेत्र में कारोबार शुरू करने के अच्छे अवसर हैं. यह आंकड़ा वैश्विक स्तर पर दूसरे स्थान पर है. इसके अलावा भारत के 86 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि उनके पास कारोबार शुरू करने के लिए कौशल और ज्ञान है. यह आंकड़ा वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है.
इसके अलावा 54 फीसदी लोगों ने कहा कि वे विफल होने के डर से अगले तीन वर्षों में नया कारोबार शुरू करने की योजना नहीं बना रहे हैं. इससे भारत 47 गंतव्यों की सूची में दूसरे स्थान पर रहा.
ज्यादातर एंटरप्रेन्योर ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण वे नए अवसर की तलाश में बिजनेस करने की योजना पर काम करने लगे हैं. पिछले दिनों लंदन के किंग्स कॉलेज की एक रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक, लंबी अवधि में कोरोना का उनके बिजनेस पर सकारात्मक असर होगा. इसके अलावा भारत में पिछले कुछ सालों में स्टार्टअप कल्चर में भी उछाल आया है. यह इकोसिस्टम तेजी से मजबूत हो रहा है.