दिल्ली/मास्को: रूस नवंबर में लगातार दूसरे महीने भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता रहा है। ऊर्जा की खेप पर निगरानी रखने वाली कंपनी वॉर्टेक्सा के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों से पता चलता है कि रूस ने भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति के मामले में इराक और सऊदी अरब जैसे परंपरागत आपूर्तिकर्ताओं को पीछे छोड़ दिया है। रूस का 31 मार्च, 2022 को समाप्त साल में भारत के सभी तेल आयात में सिर्फ 0.2 प्रतिशत हिस्सा था। नवंबर में उसने भारत को 9,09,403 बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) कच्चे तेल की आपूर्ति की। यह भारत के तेल आयात 20 प्रतिशत से अधिक बैठता है।
ऊर्जा आसूचना कंपनी वॉर्टेक्सा के अनुसार, भारत ने नवंबर में इराक से 8,61,461 बीपीडी और सऊदी अरब से 5,70,922 बीपीडी तेल का आयात किया। अमेरिका 4,05,525 बीपीडी के साथ भारत का चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा। नवंबर में रूस से भारत का आयात मात्रा के लिहाज से अक्टूबर से कम था। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने उसपर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। उसके बाद से भारत लगातार रियायती दरों पर रूसी कच्चे तेल की खरीद कर रहा है।
आंकड़ों के अनुसार, भारत ने दिसंबर, 2021 में रूस से सिर्फ 36,255 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया था। इस अवधि में इराक से 10.5 लाख बैरल प्रतिदिन और सऊदी अरब से 9,52,625 बैरल प्रतिदिन का आयात किया गया था। अगले दो महीनों में रूस से कोई आयात नहीं हुआ, लेकिन फरवरी के अंत में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद मार्च से रूस से कच्चे तेल की खरीद फिर शुरू हो गई। मार्च में भारत ने रूस से 68,600 बीपीडी कच्चे तेल का आयात किया। जबकि अगले महीने यह बढ़कर 2,66,617 बीपीडी हो गया और जून में 9,42,694 बीपीडी पर पहुंच गया। लेकिन जून में, इराक 10.4 लाख बैरल प्रतिदिन के साथ भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था।