भारतीयों का नौकरी में नहीं बिज़नस में बढ़ रहा इंटरेस्ट, हर 10 में से 7 बिज़नसमैन

Update: 2023-08-16 12:05 GMT
भारत सरकार आत्मनिर्भर अभियान को तेजी से बढ़ावा दे रही है. सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा सेक्टर इस दायरे में आ सकें ताकि देश आत्मनिर्भर बन सके. इस बीच एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि भारत के लोग नौकरी से ज्यादा बिजनेस करने पर ध्यान दे रहे हैं। लोकल सर्कल द्वारा कराए गए इस सर्वे के मुताबिक, हर 10 में से 7 भारतीय बिजनेस को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्हें लगता है कि बिजनेस करना नौकरी से बेहतर है और इसमें ग्रोथ भी ज्यादा होती है.लोकल सर्कल ने यह सर्वे देश के 379 जिलों में किया. इसमें पाया गया कि 44 फीसदी से ज्यादा लोग यह मान रहे हैं कि नौकरी से बेहतर अपना बिजनेस करना है. भले ही बिजनेस छोटा हो. लेकिन इसमें आगे बढ़ने की गुंजाइश है.
बिजनेस करना आसान हो जाएगा
इस सर्वे में 55 फीसदी लोगों का मानना है कि आने वाले समय में भारत में बिजनेस के मौके और तेजी से बढ़ने वाले हैं. खासकर 2027 तक बिजनेस करने वालों की ग्रोथ बहुत ज्यादा होगी. दरअसल, भारत में कारोबार करना आसान बनाने के लिए सरकार भी कई कदम उठा रही है। वहीं, एप्पल से लेकर कई बड़ी कंपनियां भी भारत में अपना कारोबार बढ़ा रही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में भारत दुनिया का बिजनेस हब बन सकता है। वहीं, इस सर्वे में 44 फीसदी लोगों का मानना है कि कारोबार का विस्तार तेजी से होगा. व्यापार के नए अवसर भी बनेंगे, लेकिन इसका लाभ कुछ ही लोगों को मिल पाएगा।
नौकरी या व्यवसाय क्या बेहतर है
ऑक्सफैम इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में नौकरी और बिजनेस करने वाले लोगों की संपत्ति का अंतर काफी बढ़ गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश की सिर्फ 5 फीसदी आबादी ऐसी है जिसके पास देश की 60 फीसदी संपत्ति है. जबकि 50 फीसदी आबादी की कुल संपत्ति में हिस्सेदारी सिर्फ 3 फीसदी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा बिजनेस से ही आता है।
4 साल में बिजनेस के अवसर तेजी से बढ़ेंगे
लोकल सर्कल के सर्वे में माना गया है कि भारत में रोजगार को लेकर चुनौतियां हैं. पिछले एक साल में जिस तरह से तेजी से छंटनियां हुई हैं उसका असर इस पर भी देखने को मिला है. साथ ही व्यवसाय के अवसर भी बढ़े हैं। इस सर्वे के मुताबिक, आने वाले 4 सालों में भारत में बिजनेस के मौके तेजी से बढ़ेंगे। कोरोना से निपटने के बाद जिस तरह से भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी आई है. ऐसे में वैश्विक शक्तियां भी भारत के प्रति सकारात्मक हो गई हैं। एक तरफ जहां पूरी दुनिया में मंदी की आहट है वहीं दूसरी तरफ भारत के आर्थिक संकेतक लगातार बढ़त दर्ज कर रहे हैं।
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