Credit card का इस्तेमाल करते हैं तो ये 3 काम न करे

क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने की भी सुविधा मिलती है. हालांकि ऐसी गलती कभी नहीं करें. कैश निकालने पर इंट्रेस्ट फ्री पीरियड नहीं मिलता है. इसके अलावा आपको कई तरह के एडिशनल चार्जेज भी जमा करने होते हैं.

Update: 2021-11-27 04:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज के जमाने में क्रेडिट का इस्तेमाल हर कोई करता है. यह बड़े काम की चीज होती है. अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो आपके पास किसी भी खरीदारी पर पेमेंट करने के लिए करीब 50 दिनों का इंट्रेस्ट फ्री टाइम मिल जाता है. अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

हर क्रेडिट कार्ड की एक लिमिट होती है. इसके अलावा बिलिंग डेट होती है और उसके करीब 20 दिनों बाद तक पेमेंट के लिए ड्यू डेट होती है. अगर आप ड्यू डेट से पहले बिल चुका देते हैं तो यह बहुत अच्छी बात है. ऐसे में आपको किसी तरह का एडिशनल चार्ज नहीं जमा करना होता है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप अपने क्रेडिट लिमिट का 30 फीसदी तक ही इस्तेमाल करते हैं और समय पर पेमेंट करते हैं तो आपका सिबिल स्कोर मजबूत होता है. अगर आप हर महीने क्रेडिट लिमिट का 30 फीसदी से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और टाइम पर पेमेंट भी करते हैं तो यह अच्छी स्थिति नहीं है. आसान शब्दों में यह समझें कि कार्ड का मंथली बिल क्रेडिट लिमिट के 30 फीसदी (क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो) तक सीमित रखें.
कैश निकालने से परहेज करें
क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने की भी सुविधा मिलती है. हालांकि ऐसी गलती कभी नहीं करें. कैश निकालने पर इंट्रेस्ट फ्री पीरियड नहीं मिलता है. इसके अलावा आपको कई तरह के एडिशनल चार्जेज भी जमा करने होते हैं. HDFC बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, जब आप क्रेडिट कार्ड से कैश निकालते हैं तो 2.5 से 3 फीसदी तक कैश एडवांस फीस जमा करनी होती है. एडवांस फीस मिनिमम 250 रुपए से लेकर 500 रुपए तक हो सकती है. जिस दिन आप कैश निकासी करते हैं उसी दिन से इंट्रेस्ट शुरू हो जाता है. यह तब तक चलता है, जब तक पूरा रीपेमेंट नहीं कर दिया जाता है. इसके अलावा हर महीने 2.5 से 3.5 फीसदी तक इंट्रेस्ट जमा करना होता है. इसके अलावा कैश निकासी आपके क्रेडिट स्कोर को भी कमजोर करता है.
मिनिमम पेमेंट वाले चक्कर में पड़ने से बचें
क्रेडिट कार्ड के बिल का जब रीपेमेंट किया जाता है तो मिनिमम पेमेंट का भी ऑप्शन होता है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट ये सलाह देते हैं कि हमेशा फुल पेमेंट, वह भी समय पर करना चाहिए. अगर आप मिनिमम पेमेंट करते हैं तो 50 दिनों के इंट्रेस्ट फ्री पीरियड का भी लाभ नहीं मिलेगा और ट्रांजैक्शन वाले दिन से इंट्रेस्ट का कैलकुलेशन शुरू हो जाता है. इसके अलावा आपको मंथली 30-40 फीसदी तक का इंट्रेस्ट अलग से जमा करना होता है.


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