आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने लॉन्च किया Corporate india risk index, जानें कैसे पता करें कंपनियों की हर जानकारी
दुनिया एक साल पहले की तुलना में अब काफी बदल गई है.
दुनिया एक साल पहले की तुलना में अब काफी बदल गई है. कई कारोबार अब एक नई हकीकत से जूझ रहे हैं और परिचालन की चुनौतियों, सप्लाई चेन में उथल-पुथल, साइबर खतरों, राजस्व की कमी और हाइब्रिड वर्किंग कल्चर जैसे मुद्दों का सामना कर रहे हैं. इन हालातों ने कॉरपोरेट दुनिया में रिस्क मैनेजमेंट की तलाश और इसे लागू करने की जरूरत बढ़ा दी है. हालांकि मौजूदा इको-सिस्टम में ऐसे इंडिकेटर्स की कमी है जो किसी कंपनी का जोखिम इसकी समकक्ष कंपनियों और इंडस्ट्री की तुलना में बता सकें.
इस जरूरत को पूरा करने के लिए देश की अग्रणी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में से एक आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इश्योरेंस ने 'कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स' लॉन्च किया है. कंपनी ने रिस्क का पता करने वाले टूल विकसित करने के लिए अग्रणी मैनेजमेंट कंस्लटिंग फर्म Frost and Sullivan के साथ मिलकर काम किया है.
कंपनियों का रिस्क समझना होगा आसान
कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स' लॉन्च करने के मौके पर आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के एमडी और सीईओ भार्गव दासगुप्ता ने कहा, " प्रभावी रिस्क मैनेटमेंट की शुरुआत ऐसे टूल्स से होती है, जिनसे रिस्क को आंका जा सके. जब हम रिस्क यानी जोखिम कम करने के तौर-तरीके अपनाते हैं तो हमें इन बुनियादी चीजों को पहले ठीक करना होगा.
बेहतर हो सकेगा आंकलन
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में हम कोशिश करते हैं कि रिस्क मैनेजमेंट के उभरते फील्ड में कुछ न कुछ योगदान करते रहें. हमारा 'कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है. हमारी यह पहल भारतीय कॉरपोरेट कंपनियों को जोखिम के बेहतर आकलन करने और उनसे निपटने की तैयारियों को समझने में मददगार साबित होगी. इससे वह प्रभावी जोखिम प्रबंधन के तौर-तरीकों को अपना सकेंगे.
57 नंबर पर है रिस्क इंडेक्स
अपने डेब्यू संस्करण में कॉरपोरेट इंडिया का रिस्क इंडेक्स 57 पर है. इसका मतलब है कि जोखिम को संभालने के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों में मजबूती लानी होगी. यह स्कोर बताता है कि भारतीय कंपनियां सही राह पर हैं लेकिन उभरते जोखिमों से निपटने के लिए ज्यादा मुस्तैदी दिखानी होगी. भारत की ज्यादातर कॉरपोरेट कंपनियों की जोखिम प्रबंधन स्ट्रेटजी मुख्य तौर पर कोविड से प्रभावित परिचालन और प्राकृतिक आपदाओं को मैनेज करने पर केंद्रित है. हालांकि जिस तरह से अभी मार्केट, टेक्नोलॉजी से जुड़े, अपराध और सिक्योरिटी रिस्क मैनेज किए जा रहे हैं, उसमें सुधार की काफी गुंजाइश है.
15 प्रमुख सेक्टर होंगे शामिल
कॉरपोरेट रिस्क का मतलब संभावित जोखिमों और अब तक सामने न आई उन घटनाओं से है जो किसी कारोबारी संगठन की प्लानिंग और परिचालन में भारी उथल-पुथल मचा सकती हैं. यह इंडेक्स पहला एकीकृत, विश्वसनीय और मानकीकृत कॉर्पोरेट रिस्क इंडेक्स है, जो भारत के 15 प्रमुख क्षेत्रों में कंपनियों के लिए जोखिमों को दर्शाता है.
ऐसे मिलेगी हर जानकारी
यह कंपनियों को यह समझने में मदद करता है कि उनके बिजनेस के जोखिम क्या हैं और इससे निपटने की उनकी तैयारी का स्तर क्या है. यह चार फ्रेमवर्क में उनके जोखिम का आकलन करता है- ये हैं- Awareness, Probability, Criticality ,Preparedness. इसमें यह बताया जाता है कि रिस्क एक्सपोजर क्या हैं और रिस्क मैनेजमेंट की स्थिति क्या है. इस इंडिकेटर के जरिये यह बताया जाएगा कि कंपनी की जोखिम से निपटने की तैयारी पर्याप्त है या नहीं या फिर इसने जरूरत से ज्यादा तैयारी की है.