Business बिजनेस: हाल ही में भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) द्वारा लेनदारों की of creditors समिति (सीओसी) के लिए घोषित दिशा-निर्देश सही दिशा में उठाया गया कदम है, लेकिन दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक निगरानी तंत्र नहीं बनाया जाता, तब तक ये प्रभावी नहीं होंगे। आईबीसी के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने कहा, "इन दिशा-निर्देशों में सीओसी के लिए कोई दायित्व नहीं है। इन्हें किसी कानून के तहत जारी नहीं किया गया है और ये स्व-नियामक प्रकृति के हैं। जब पहली बार इस विचार की परिकल्पना की गई थी, तब आईबीबीआई कम से कम भारतीय रिजर्व बैंक को इसमें शामिल करने की कोशिश कर रहा था।"