कैसे पहचाने कौन सा लोन ऑफर है सबसे अच्छा, जानें डिटेल्स
प्रोसेसिंग फीस, छुपे हुए खर्च, बैंकों के नियम और शर्तें कुछ ऐसी बातें हैं जिनकी जानकारी नहीं ली गई तो वो आपके कर्ज की लागत बढा सकते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कर्ज लेने की योजना बनाते वक्त सलाह दी जाती है कि ग्राहक एक से अधिक बैकों या एनबीएफसी से संपर्क करे. इससे न केवल लोन (Loan)पर ज्यादा बेहतर ऑफर मिल सकता है साथ ही किसी एक बैंक (Bank) में एप्लीकेशन रद्द हो जाने पर आपके पास दूसरे विकल्प मौजूद रहते हैं. हालांकि कई सारे विकल्पों के बीच सही ऑफर चुनना भी आसान नहीं होता है. .ध्यान रखें कि लोन लंबी अवधि तक चलते हैं और अधिकांश लोग एक बार लोन लोने के बाद अन्य किसी तरह के लोन लेने की स्थिति में नहीं रहते. ऐसे में जरूरी होता है कि आप लोन लेते वक्त ब्याज दर (interest rates) सहित कई बातों की जानकारी रखें और उसके आधार पर ही आप सही ऑफर चुनें. बैंक बाज़ार डॉट कॉम ने ऐसी कई टिप्स दी हैं जिसकी मदद से आप अपने लिये एक अच्छा ऑफर चुन सकेंगे
ब्याज दर
आम तौर पर लोग कम से कम ब्याज दर की डिमांड करते हैं. हालांकि इसी वजह से कई बड़े बैंकों में उनकी एप्लीकेशन रद्द हो जाती है. या फिर कर्ज की रकम या फिर समयअवधि घटा दी जाती है. जिससे आपकी ईएमआई पर असर पड़ता है. वहीं दूसरी तरफ कई छोटे बैंक कम दरें ऑफर करते हैं. हालांकि वो कई तरह के छुपे हुए शुल्क भी लगा देते हैं. ऐसी स्थिति में कम से कम की जगह उचित ब्याज दर की बात करें जिसके लिये पहले तय करें कि आप अधिक से अधिक कितनी EMI चुका सकते हैं. इसके आधार पर ही आप बैंकों से बात करें और इस दौरान बाकी सभी शर्तों और छूट आदि को भी ध्यान में रखें
फीस
लोन के लिये बातचीत की शुरुआत में बैंक प्रोसेसिंग फीस की जानकारी देते हैं. हालांकि कुछ एप्लीकेशन में प्रोसेसिंग फीस में छूट मिल जाती है. वहीं कई बैंक विशेष मौकों पर प्रोसेसिंग फीस को माफ भी कर देते हैं.अगर आपको कई बैंकों से करीब करीब एक ही ब्याज दर पर लोन ऑफर हो रहा हो तो प्रोसेसिंग फीस पर मिली कोई भी छूट आपके लिये फायदा ही करेगी. ऐसे में लोन लेते वक्त प्रोसेसिंग फीस को लेकर खुल कर बात जरूर करें
लोन की अवधि के दौरान शर्तें
होम लोन 10 से लेकर 30 साल की अवधि तक चलता है. इस दौरान कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इसमें लोन को बंद करने, लोन की रकम बढ़ाने, बैलेंस ट्रांसफर से लेकर लोन से जुड़े इंश्योरेंस आदि कई मामले शामिल हो सकते हैं. कई बैंक लोन के ट्रांसफर या उसे बंद करने आदि की समय सीमा रखते हैं तो कई बार वो उसमें अतिरिक्त शुल्क लगाते हैं जिनका भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है. ऐसे में इन शर्तों से कर्ज की लागत कहीं ज्यादा बढ़ जाती है. वहीं कुछ बैकों की शर्तों के अनुसार चाह कर भी आप एक निश्चित अवधि तक लोन बंद नहीं कर सकते यानि आपको एक खास अवधि तक बैंक का ब्याज चुकाना होगा. बैंकों से बात करने के दौरान इन सभी संभावित स्थितियों पर नियम जान लें और जो बेहतर लगे उसका चुनाव करें
कस्टमर सर्विस
हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब लोगों ने आसान लोन लेने के चक्कर में कुछ ऐसा संस्थानों से कर्ज उठा लिया जो लोन वापस करने में जरा सी देरी पर भी बेहद ऊंचे ब्याज वसूल रहे थे. वहीं ग्राहकों के साथ बेहद गलत व्यवहार भी कर रहे थे. ऐसे में कर्ज लेते वक्त देखें कि कहीं आप जल्दबाजी में ऐसी जगह से कर्ज तो नहीं उठा रहे जहां आपकी वाजिब वजहें भी न सुनी जाएं. अक्सर बड़े बैंक किसी परेशानी पर संपर्क किये जाने की स्थिति में ग्राहक को विकल्प देते हैं. हालांकि ऐसी स्थिति हर जगह नहीं रहती, तो कर्ज उठाने के दौरान ग्राहकों के साथ सहयोग करने वाले बैंक का ही चुनाव करे.