नई दिल्ली | गौतम अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों पर सेबी की फाइनल रिपोर्ट तैयार है। शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी अपनी रिपोर्ट इसी सप्ताह सुप्रीम कोर्ट को सौंपने वाली है। इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सेबी की यह अंतिम रिपोर्ट होगी। मतलब ये कि अब नियामक की जांच खत्म हो गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अपनी जांच पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए 14 अगस्त की समय सीमा तय की थी। अब यह मामला 29 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
किन मुद्दों की जांच: रिपोर्ट के मुताबिक सेबी की जांच में कई बिंदुओं पर फोकस किया गया है। सेबी ने जांच की है कि क्या अडानी समूह ने न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) मानदंडों में खामियों का फायदा उठाकर अपने समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में हेरफेर किया था? क्या यह संबंधित लेन-देन से जुड़े खुलासे नहीं किए गए? सूत्रों की मानें तो सेबी की जांच रिपोर्ट में एमपीएस मानदंडों के संबंध में अडानी समूह पर सवाल खड़े किए जा सकते हैं।
ये रिपोर्ट ऐसे समय में सौंपी जा रही है जब अडानी समूह की एक कंपनी के ऑडिटर ने इस्तीफा दे दिया है। अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशन इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने शेयर बाजार को भेजे 163 पन्नों की रिपोर्ट में डेलॉयट हास्किंस एंड सेल्स एलएलपी का इस्तीफा भेजा था। एपीएसईजेड ने कहा कि डेलॉयट के अधिकारियों ने बैठक में अडानी समूह की अन्य सूचीबद्ध कंपनियों के ऑडिटर के रूप में व्यापक ऑडिट भूमिका की कमी पर चिंता व्यक्त की। हालांकि, फर्म ने ऑडिटर को बताया कि ऐसी नियुक्तियों की सिफारिश करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है क्योंकि अन्य संस्थाएं पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।