अपर सर्किट किसी शेयर में कैसे और कब लगता है, क्या होता है पैसा लगाने वाले पर असर, जाने

इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) के शेयर में शुक्रवार सुबह अपर सर्किट लग गया है. आइए जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब

Update: 2021-10-22 05:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) ने अच्छा प्रदर्शन किया है. कंपनी का मुनाफा 75 फीसदी बढ़कर 77.38 करोड़ रुपये हो गया. इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में जोरदार तेजी आई है. NSE-National Stock Exchange पर IEX का शेयर 757 रुपये के मुकाबले शुक्रवार सुबह 832.85 रुपये के अपर सर्किट पर खुला. इसके बाद कोई भी निवेशक शेयर नहीं खरीद पा रहा था. इसीलिए आम निवेशकों के मन में उठे सवालों के जवाब एक्सपर्ट्स के जरिए लाए है.

IEX क्या है, कंपनी काम क्या करती है
आईईएक्स देश का प्रमुख पावर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है. फिलहाल एनर्जी में कुल कारोबार का सिर्फ 3 फीसदी ही एक्सचेंज के जरिए आता है. विकसित देशों में यह आंकड़ा 30 से 35 फीसदी है. इसलिए भविष्य में आईईएक्स जैसी कंपनी के लिए देश में काफी अच्छी संभावनाएं हैं.
देश के गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने पर सरकार के जोर और उदय जैसी योजनाओं से पावर एक्सचेंज पर कारोबार बढ़ेगा. इससे कुल बिजली खरीद में एक्सचेंज की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022 तक बढ़कर 21.1 फीसदी तक पहुंच सकती है.
क्यों आई शेयर में तेजी
IEX ने पिछली तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया है.जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी की आमदनी 122.30 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 78.71 करोड़ रुपये थी. वहीं, इस दौरान मुनाफा 75 फीसदी बढ़कर 77.38 करोड़ रुपये हो गया.इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की इसी तिमाही के दौरान उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 44.33 करोड़ रुपये था.
क्यों लगा कंपनी के शेयर में अपर सर्किट
कंपनी ने तिमाही नतीजों के साथ एक शेयर पर दो बोनस शेयर देने का ऐलान किया है. इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में जोरदार तेजी आई. इस दौरान सभी तेजी के सौदे आने से शेयर में अपर सर्किट लग गया.
क्या होता है बोनस शेयर
कंपनी जब निवेशकों को मुफ्त में शेयर देती है तो उसे बोनस शेयर कहा जाता है. निवेशकों को बोनस शेयर ख़ास अनुपात में मिलता है. अगर अभी की बात करें तो IEX ने 2:1 का बोनस देने का ऐलान किया है. इसका मतलब है कि हर 1 शेयर पर आपको 2 बोनस शेयर मिलेंगे. हालांकि बोनस इश्यू के बाद इक्विटी कैपिटल बढ़ जाता है, लेकिन फेस वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होता है. फेस वैल्यू में बदलाव नहीं होने से निवेशक को भविष्य में इसका फ़ायदा ज़्यादा डिविडेंड के तौर पर होता है.
क्या होता है अपर सर्किट, क्या होता है पैसा लगाने वालों पर असर
जब किसी शेयर को ज्यादा खरीदने वाले होते है तो उस समय शेयर में अपर सर्किट लग जाता है. अगर आसान शब्दों में कहें तो एक्सचेंज शेयर की ट्रेडिंग को बंद कर देती है. यह मार्केट रेगुलेटर SEBI की तरफ से बनाए गए नियम है.
शेयरों के वॉल्युम यानी कितने शेयरों का कारोबार रोजाना होता है. उस आधार पर शेयर की सर्किट लिमिट तय की जाती है.
मसलन अबर किसी शेयर का भाव 100 रुपये है और उसमें सर्किट फिल्टर 10 फीसदी है तो 110 रुपये के भाव पर जाते ही उस शेयर में ट्रेडिंग रोक दी जाती है. इसी तरह से लोअर लिमिट पर भी ट्रेडिंग रुक जाती है.
सर्किट लिमिट से ही तय होता है कि एनएसई या बीएसई के निफ्टी और सेंसेक्स जैसे इंडेक्स एक दिन में कितना ऊपर-नीचे जा सकते हैं. इनमें फिल्टर 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की तेजी या गिरावट पर लगता है. इसके बाद कूलिंग ऑफ पीरियड होता है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सर्किट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? सर्किट के स्तर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय किए जाते हैं. इन्हें निवेशकों और ब्रोकरों के हितों को ध्यान में रख कर लगाया जाता है ताकि उन्हें बाजार के बड़े झटकों से बचाया जा सके. बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान कारोबारियों को करारा झटका लगता है. ऐसी स्थिति में बाजार पर दबाव बढ़ जाता है.


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