Home Loan 45 लाख तक के अफोर्डेबल हाउसिंग पर ही मिलेगा लाभ, जानिए पूरा मामला
जैसा कि हम जानते हैं होम लोन पर सरकार की तरफ से टैक्स में राहत मिलती है.
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | जैसा कि हम जानते हैं होम लोन पर सरकार की तरफ से टैक्स में राहत मिलती है. ज्यादातर लोग घर से दूर बड़े शहरों में नौकरी के लिए आते हैं. ऐसे में हर किसी की चाहत होती है कि वह जिस शहर में नौकरी करता है, उस शहर में अपना एक घर हो. लोगों को इसके लिए प्रेरित करने के कारण ही सरकार होम लोन पर टैक्स में भारी भरकम राहत देती है. वैसे तो Budget 2021 में टैक्सपेयर्स के लिए कोई बड़ी राहत की घोषणा नहीं की गई, लेकिन होम लोन को लेकर एक बड़ी घोषणा जरूर हुई है. इस घोषणा के तहत अगर आपकी सैलरी 10.50 लाख तक है फिर भी एक रुपया टैक्स नहीं लगेगा.
बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सेक्शन 80EEA के लिए डेडलाइन 31 मार्च 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया है. सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए बजट 2019 में सेक्शन 80EEA को लाया था. उस समय इस स्कीम की डेडलाइन मार्च 2020 तक थी. बजट 2020 में इसकी डेडलाइन बढ़ाकर मार्च 2021 कर दी गई. एकबार फिर से इसकी डेडलाइन एक साल के लिए बढ़ाई गई है. इस सेक्शन के तहत होम लोन के इंट्रेस्ट रीपेमेंट पर टैक्स में 1.5 लाख की सालाना छूट अलग से मिलती है. यह छूट सेक्शन 24बी से अलग है.सेक्शन 24बी के तहत होम लोन के इंट्रेस्ट रीपेमेंट पर प्रत्येक वित्त वर्ष में 2 लाख रुपए की छूट मिलती है. बता दें कि होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का लाभ मिलेगा. इसकी लिमिट 1.5 लाख रुपए है.
जानिए कैसे होगा टैक्स कैलकुलेशन
अब टैक्स कैलकुलेशन की बात करें तो माना A की सैलरी 10.50 लाख रुपए है. पुराने टैक्स नियम के हिसाब से यह 30 फीसदी टैक्स स्लैब में आता है. नए टैक्स रूल्स में यह 20 फीसदी टैक्स स्लैब में आता है. वैसे नए टैक्स स्लैब में किसी तरह के डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता है. पुराने नियम के मुताबिक, 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा.
– स्टैंडर्ड डिडक्शन – 50000 रुपए. (1050000-50000=1000000)
– स्टैंडर्ड डिडक्शन हटाने के बाद नेट इनकम 10 लाख रुपए.
– सेक्शन 80C के तहत प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट पर 1.5 लाख की छूट. (1000000-150000=850000)
– अब सेक्शन 24बी के तहत इंट्रेस्ट रीपेमेंट पर 2 लाख की छूट मिलेगी. (850000-200000=650000)
– सेक्शन 24 बी के बाद सेक्शन 80EEA के तहत 1.5 लाख छूट. (650000-150000=500000)
इस तरह होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट और इंट्रेस्ट रीपेमेंट में डिडक्शन का लाभ उठाने के बाद A की नेट इनकम 5 लाख रुपए रह गई. जैसा कि हम जानते हैं, 2.5 लाख से 5 लाख के बीच टैक्स रेट 5 पर्सेंट है. (5 फीसदी की दर से टैक्स लाएबिलिटी 12500 रुपए होती है) , लेकिन नियम के मुताबिक हर टैक्सपेयर्स को 12500 रुपए का रिबेट मिलता है. इस तरह A की कुल टैक्स देनदारी शून्य हो गई.
45 लाख तक के अफोर्डेबल हाउसिंग पर ही मिलेगा लाभ
इस बात को भी समझना जरूरी है कि सेक्शन 80EEA का फायदा उठाने के लिए कुछ शर्तें हैं. यह केवल फर्स्ट टाइम होम बायर्स के लिए है. सेक्शन 80EEA का लाभ उठाने के लिए पहली शर्त है कि घर की स्टाम्प वैल्यू 45 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसके लिए कार्पेट एरिया 60 स्क्वॉयर मीटर या 645 स्क्वॉयर फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए. यह शर्त मेट्रो सिटीज के लिए है जिसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता जैसे शहर आते हैं. अन्य शहरों के लिए कार्पेट एरिया अधिकमत 90 मीटर या 968 स्क्वॉयर फीट हो सकता है.
लाभ लेने की शर्त
पुराने नियम के मुताबिक, सेक्शन 80EEA का फायदा तभी मिलेगा जब किसी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को 1 सितंबर 2019 से पहले मंजूरी मिली हो. जब इसके लाभ उठाने की समय सीमा बढ़ा दी गई है तो संभव है कि इसको लेकर भी समय सीमा बढ़ाई जाए. फिलहाल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की डेडलाइन को लेकर विशेष जानकारी नहीं है. बता दें कि टैक्सपेयर्स को सेक्शन 24बी का पूरा फायदा उठाना होगा, उसके बाद ही वह सेक्शन 80EEA का फायदा उठा सकता है.