Home Loan घर खरीदने और घर बनवाने जा रहे है, तो कभी ना करें यह गलती

अगर आप घर खरीदने की बारे में सोच रहे हैं

Update: 2021-10-04 05:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अगर आप घर खरीदने की बारे में सोच रहे हैं तो यह एक सुनहरा मौका है. होम लोन पर इंट्रेस्ट रेट एक दशक के निचले स्तर पर है और घरों की कीमत भी काफी वाजिब है. बैंक दिल खोलकर होम लोन बांट रहे हैं. ऐसे में सस्ते लोन का फायदा उठाएं और अपने लिए सपनों का आशियाना खरीदें. जैसा कि हम जानते हैं होम लोन की EMI पर टैक्स में भारी भरकम छूट मिलती है. हालांकि, कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है नहीं तो टैक्स पर छूट का जितना लाभ लिया है वह वापस ले लिया जाएगा.

होम लोन की ईएमआई में दो हिस्सा होता है. एक हिस्सा इंट्रेस्ट का होता है और दूसरा हिस्सा प्रिंसिपल अमाउंट का होता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको दोनों हिस्से पर अलग-अलग छूट देता है. इंट्रेस्ट वाले हिस्से पर सेक्शन 24 के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. एक वित्त वर्ष में सेक्शन 24 के तहत अधिकतम 2 लाख रुपए के टैक्स डिडक्शन का लाभ उठाया जा सकता है. प्रिंसिपल अमाउंट पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ उठाया जा सकता है. सेक्शन 80सी की लिमिट 1.5 लाख रुपए है. कुल मिलाकर एक वित्त वर्ष में 3.5 लाख रुपए टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.

5 सालों के भीतर घर बेचने पर छूट का फायदा वापस लिया जाएगा

नियम के मुताबिक, अगर आपने होम लोन पर घर खरीदा है और पांच सालों के भीतर उसे बेच देते हैं या ट्रांसफर कर देते हैं तो सेक्शन 80सी यानी प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट पर टैक्स में छूट का जितना लाभ उठाया है, वह वापस ले लिया जाएगा. जिस वित्त वर्ष में आप घर बेचते हैं उस वित्त वर्ष में टैक्स में ली गई छूट इनकम के रूप में जुड़ जाती है. अब टोटल इनकम पर आपको टैक्स ब्रैकेट के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है. सेक्शन 24(b)के तहत उठाए गए टैक्स बेनिफिट का लाभ वापस नहीं होता है.

कंस्ट्रक्शन और पर्चेज दोनों के लिए मिलता है होम लोन

होम लोन ना सिर्फ नया घर खरीदने बल्कि, घर बनवाने के लिए भी मिलता है. घर बनवाने पर भी टैक्स में उसी तरह लाभ मिलता है, हालांकि इसकी कुछ शर्तें हैं. कंस्ट्रक्शन का हर हाल में 5 सालों में पूरा हो जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो टैक्स में छूट का लाभ नहीं मिलेगा.

पजेशन मिलने और निर्माण पूरा होने तक टैक्स में छूट नहीं

अगर घर खरीदते हैं तो जब तक पजेशन नहीं मिल जाता, और घर बना रहे हैं तो जब तक निर्माण का काम पूरा नहीं हो जाता है, लोन रीपेमेंट पर टैक्स का लाभ नहीं उठाया जा सकता है. पजेशन और निर्माण का काम पूरा होने पर टैक्स डिडक्शन का लाभ उठाया जा सकता है. एकबार निर्माण काम पूरा होने के बाद जो ईएमआई जमा करेंगे उस पर आपको प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट पर 80सी के तहत और इंट्रेस्ट रीपेमेंट पर 24बी के तहत टैक्स में डिडक्शन का लाभ मिलता है. कंस्ट्रक्शन पीरियड के दौरान या पजेशन मिलने तक आपने जितनी ईएमआई जमा की है, उसमें केवल इंट्रेस्ट वाले हिस्से पर ही टैक्स डिडक्शन का लाभ बाद में मिलता है. इस दौरान जितना प्रिंसिपल अमाउंट जमा किया गया है, उस पर टैक्स में छूट का लाभ बाद में नहीं मिलता है.

इंट्रेस्ट अमाउंट रीपेमेंट पर 5 सालों तक मिलेगी टैक्स में छूट

मान लीजिए कि आपके घर का निर्माण काम 4 सालों तक चला. इस दौरान आपने हर महीने ईएमआई जमा की और इंट्रेस्ट के रूप में कुल 4 लाख रुपए जमा किए. अब अगले पांच सालों तक हर वित्त वर्ष 80-80 हजार रुपए का लाभ टैक्स डिडक्शन के रूप में उठाया जा सकता है. यह लाभ सेक्शन 24बी के तहत ही मिलेगा जिसकी लिमिट 2 लाख रुपए है.

अब अपने नाम पर दो घर रहने के लिए रख सकते हैं

एक और बात समझने की जरूरत है कि एक इंडिविजुअल अपने नाम पर दो घर रहने के लिए रख सकता है. अगर वह तीसरा घर खरीदता है तो उसे पूरी तरह से रेंट आउट माना जाएगा. ऐसे में तीसरे घर के लिए मार्केट रेट के हिसाब रेंट का कैलकुलेशन होता है और आपको उसपर टैक्स जमा करना होगा.

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