मार्केट में आई हाई रेंज की बैट्री, सिंगल चार्ज में 1000 KM से अधिक का सफर, ये है नाम

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Update: 2022-06-23 15:50 GMT

नई दिल्ली: दुनिया भर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EV) का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. चीन की ऑटो कंपनियां इस रेस में सबसे आगे निकलने की कोशिश में जुटी हैं और कई तरह के नए प्रयोग कर रही हैं. इस बीच इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बैट्री तैयार करने वाली चीनी कंपनी कंटेम्पररी एम्पेरेक्स टेक्नोलॉजी लिमिटेड (CATL) ने एक हाई रेंज की बैट्री बनाने का दावा किया है. कंपनी का दावा है कि उसकी हाई रेंज की बैट्री को Full Charge करने के बाद कार को 1000 KM (620 मील) तक से भी अधिक दूरी तक चलाया जा सकता है. यानी इस इस बैट्री की मदद से सिंगल चार्ज में दिल्ली से पटना तक का सफर किया जा सकता है.

तेजी से चार्ज होने की क्षमता
कंपनी ने इस बैट्री का नाम Qilin रखा है और इसका प्रोडक्शन अगले साल से शुरू होगा. कंपनी के मुताबिक, इस बैट्री के सेल मौजूदा बैट्री की तुलना में जल्दी चार्ज होते हैं. इस बैट्री के सामने आने के तुरंत बाद CATL के शेयर तेजी से ऊपर की तरफ भागे और 5.9 फीसदी की छलांग लगाई है. कंपनी ने बताया कि Qilin बैट्री की एनर्जी का घनत्व 255 वाट-घंटे प्रति किलोग्राम तक है.
CATL इलेक्ट्रिक-कार बैटरी बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के रूप में जानी जाती है. कंपनी ने दावा किया है कि Qilin बैट्री सुरक्षित और अधिक टिकाऊ है. कच्चे माल की कमी के चलते कंपनी को इस तिमाही नुकसान भी उठाना पड़ा है, लेकिन इस बैट्री की खबर ने कंपनी को शेयर को फिर से चमका दिया है.
ऐसे बनी है हाई रेंज की बैट्री
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, CTP 3.0 बैटरी में इंटरनल क्रॉसबीम, लिक्विड-कूलिंग प्लेट और थर्मल पैड को इंटीग्रेटेड किया गया है. इसके लिए मल्टीफंक्शनल इलास्टिक इंटरलेयर की मदद ली गई है. इंटरलेयर के अंदर बिल्ट-इन माइक्रोन ब्रिज भी मौदूज हैं.
इसकी वजह से सेल के भीतर होने वाले बदलाव एडजस्ट हो जाते हैं और बैट्री की लाइफ सर्किल बेहतर बनी रहती है. भीतर एनर्जी यूनिट को मल्टीफंक्शनल फ्लैगजिबलइंटरलेयर से बनाया गया है. इस वजह से बैट्री की वाइब्रेशन रेजिस्टेंस पावर बढ़ती और इसकी रेंज हाई हो जाते हैं.
इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों लगातार एक से बढ़कर एक हाई रेंज की कार बाजार में उतारने की कोशिश में जुटी हैं. ऐसे में यह बैट्री आने वाले समय इस सेक्टर में बड़ा बदलाव ला सकती है और जो देश पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधन पर निर्भर हैं. उनके लिए यह बैट्री बेहद ही अहम साबित हो सकती है.
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