Cryptocurrency निवेश को वैध कराने के लिए भरना होगा भारी जुर्माना, रकम का अभी खुलासा नहीं

बिटकॉइन जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने से पहले केंद्र सरकार निवेशकों को इससे बाहर निकलने का मौका दे सकती है।

Update: 2021-02-13 05:40 GMT

बिटकॉइन जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने से पहले केंद्र सरकार निवेशकों को इससे बाहर निकलने का मौका दे सकती है। डिजिटल करेंसी बिल 2021 में भारी जुर्माना चुकाकर क्रिप्टोकरेंसी से निवेश की गई रकम को निकालने का प्रावधान किया गया है। संसद में सूचीबद्ध किए गए विधेयक में इस बात के प्रावधान है। डिजिटल करेंसी बिल 2021 संसद के चल रहे बजट सत्र में पेश किया जाना है।


जुर्माना की रकम का अभी खुलासा नहीं

वित्त मंत्रलाय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बिल को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। इसलिए जुर्माना कितना होगा यह बताना अभी मुमकिन नहीं है। डिजिटल बिल का मकसद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा या सरकारी क्रिप्टोकरेंसी के निर्माण के लिए एक कानूनी रास्ता तैयार किया जाना है। लोकसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन में भी कहा कि भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की कवायद चल रही है। हालांकि, यह कानून क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों की अनुमति देगा।

कैद का भी प्रावधान किया गया

इस बिल में निजी क्रिप्टोकरेंसी की होल्डिंग, बिक्री, जारी करना, माइनिंग, ट्रांसफरिंग और क्रिप्टोकरंसी का उपयोग करने में पर दंडनीय अपराध घोषित किया जा सकता है। इसके तहत भारी जुर्माना, कैद या दोनों का प्रावधान होगा।

निजी एक्सचेंजों को हो सकती है दिक्कत

कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सरकार ने सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी और इससे संबंधित सभी तरह के संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यानी इसकी जद में क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेड के लिए चलने वाले निजी एक्सचेंज भी आएंगे। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स के संस्थापक सुमित गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार को प्रस्तावित विधेयक के मसौदे को जारी करना चाहिए और इससे पहले क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लोगों से सुझाव लिया जाना चाहिए।

2020 में ही 2.4 करोड़ डॉलर का निवेश

एनालिस्ट फर्म वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 2020 में ही क्रिप्टोकरेंसी में 2.4 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ है। यह इससे एक साल पहले महज 50 लाख डॉलर था। देश में सक्रिय क्रिप्टोकरेंसी फर्मों ने भी लॉकडाउन के दौर में भी अच्छा बिजनेस किया है। विभिन्न क्रिप्टो एक्सचेंजों के खुलने से पिछले कुछ वर्षों में भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग एक औपचारिक क्षेत्र बन गया है।

वित्त मंत्री ने भी दिए संकेत

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राज्यसभा में एक सवाल पर दिए जवाब में बताया कि एक उच्चस्तरीय समिति ने सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है। समिति का कहना है कि सिर्फ सरकार की ओर से जारी डिजिटल करेंसी को ही भारत में मंजूरी दी जाए। गौरतलब है कि आरबीआई एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी को जल्द से जल्द देश में लाने के लिए काम कर रहा है। इसे क्रिप्टोकरेंसी के तर्ज पर ही लाने की तैयारी है। आरबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि डिजिटल करेंसी को लाने से क्या फायदे होंगे और यह कितना उपयोगी होगी।


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