नई दिल्ली: सोने की कीमतों में पिछले कुछ दिनों में तेज गिरावट देखने को मिली है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में उथल-पुथल की वजह से सोने का भाव दबाव में है. इस गिरावट को देखते हुए क्या सोने में निवेश के लिए यही सही वक्त है? दरअसल चंद दिनों के बाद फेस्टिव सीजन का आगाज होने वाला है. भारत में फेस्टिव सीजन के दौरान सोने की डिमांड बढ़ जाती है. खासकर दिवाली और धनतेरस के मौके पर भारत में सोना खरीदने की परंपरा रही है.
अंतररारष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है, खासकर अमेरिकी बाजार में दबाव आने से सोने का भाव टूट रहा है. बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का दाम 0.17 फीसदी गिरकर 1827.40 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया. जबकि इसी साल 6 मई को यह 2,085.40 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया था. वहीं, चांदी का रेट 0.48 फीसदी गिरकर 21.28 डॉलर प्रति औंस हो गया है.
बता दें, अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका है, जिसके कारण सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है. इसी कारण अमेरिकी शेयर बाजार में लगातार गिर रहा है. लेकिन क्या ये भारतीय गोल्ड निवेशकों के लिए मौका है? 5 मई को भारतीय सर्राफा बाजार में 24 कैरेट गोल्ड की कीमत करीब 61,739 रुपये थी. जो अब फिसलकर 56 हजार के आसपास पहुंच गई है. यही नहीं, मई में कारोबार के दौरान अहमदाबाद सर्राफा बाजार में 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 63,500 रुपये तक पहुंच गई थी. ऐसे में सोने का भाव अपने हाई से 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम घट चुका है. ये भाव पिछले 4 महीने में गिरे हैं.
अगर भारत की बात करें तो बुधवार को सोना बेहद सस्ते भाव पर उपलब्ध था. 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 56653 रुपये थी, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 51894 रुपये थी. 22 कैरेट गोल्ड की कीमत बुधवार की देश शाम फिसलकर 52000 प्रति 10 ग्राम से नीचे पहुंच गई. वहीं चांदी का रेट 70,000 रुपये किलो के आसपास बना हुआ है. चांदी का भाव मई महीने में उछलकर 77280 रुपये तक पहुंच गया था.
बता दें, सोने की कीमत काफी हद तक बाजार में सोने की डिमांड और सप्लाई के आधार पर तय होती है. सोने की मांग बढ़ेगी तो रेट भी बढ़ेगा. सोने की कीमत वैश्विक आर्थिक स्थितियों से भी प्रभावित होती है. उदाहरण के लिए अगर इंटरनेशनल इकोनॉमी खराब प्रदर्शन करती है तो निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर गोल्ड (Gold) को चुनते हैं, जिससे सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं.
ग्लोबल मार्केट में सोना फिलहाल 7 महीने के निचले स्तर पर है. यूएस डॉलर इंडेक्स में तेजी से अन्य करेंसी में सोने की कीमतों में नरमी आ जाती है. जानकारों के अनुसार गोल्ड में शानदार तेजी तभी आ सकती है, जब ग्लोबल इकोनॉमी पर व्यापक और दीर्घकालिक दबाव स्पष्ट बनता दिखे. वहीं जब तक अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बेहद मजबूत नहीं होती है, तब तक गोल्ड पर दबाव बना रह सकता है. हालांकि भारत में फेस्टिव सीजन के दौरान खरीदारी से कीमतों को सपोर्ट मिल सकता है.