पिछले कुछ दिनों में टमाटर की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है. कुछ दिन पहले 300 रुपये किलो के स्तर पर पहुंचा टमाटर अब नीचे आ गया है. इससे घरेलू बजट को राहत मिली होगी. लेकिन किसानों की चिंता बढ़ गई है. एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक, एक दिन पहले रविवार को मैसूर के एपीएमसी बाजार में टमाटर का रेट गिरकर 14 रुपये प्रति किलो पर आ गया. इधर, कुछ दिन पहले टमाटर 20 रुपये प्रति किलो के स्तर पर था. वहीं, रविवार को ही बेंगलुरु में टमाटर की कीमत 30 रुपये से 35 रुपये प्रति किलो तक थी.
थोक रेट में 10 रुपये की गिरावट आ सकती है
देश के अलग-अलग हिस्सों में टमाटर का रेट अलग-अलग होता है. दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो टमाटर का खुदरा रेट 50 से 60 रुपये प्रति किलो चल रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि कीमत में अचानक गिरावट का कारण पूरे उत्तरी राज्यों में मांग में कमी है. कीमत में गिरावट की मुख्य वजह नेपाल से टमाटर का आयात भी है. भविष्य में टमाटर की कीमत में कमी को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि थोक कीमतें 5 से 10 रुपये प्रति किलो तक भी हो सकती हैं.
सब्जियों के दाम स्थिर रखने की मांग
मैसूरु एपीएमसी के सचिव एमआर कुमारस्वामी ने कीमतों में गिरावट का कारण बाजार में टमाटर की भारी आवक को बताया। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन करीब 40 क्विंटल टमाटर की आवक हो रही है. सरकार से टमाटर के साथ-साथ अन्य सब्जियों की कीमतें स्थिर रखने की मांग की जा रही है. कर्नाटक राज्य रायथा संघ के महासचिव इम्मावु रघु ने कहा कि टमाटर की उत्पादन लागत लगभग 10-12 रुपये प्रति किलोग्राम है। इसके अलावा पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टेशन के लिए 3 रुपये लगते हैं. अगर किसानों को 14 रुपये प्रति किलो का रेट मिलेगा तो काफी नुकसान होगा.