वित्त वर्ष 2023 की जुलाई-सितंबर तिमाही में में क्रेडिट कार्ड की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मानकों में अनिवार्य कर दिया है कि जो भी क्रेडिट कार्ड एक साल से ज्यादा समय से निष्क्रिय है, उसे बंद कर दिया जाए। उसके बाद से ही कई बड़े बैंकों के क्रेडिट कार्ड तेजी से घटे हैं। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में क्रेडिट कार्डों की संख्या 25.5 लाख घटकर 7.77 करोड़ रह गई है।
इसके पहले यह उद्योग औसतन एक महीने में 15 लाख क्रेडिट कार्ड जारी कर रहा था, क्योंकि बैंक कोविड महामारी के बाद असुरक्षित ऋण व्यवसाय में आक्रामक रूप से कदम बढ़ा रहे थे। इस साल अप्रैल में रिजर्व बैंक ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड जारी करने को लेकर दिशानिर्देश दिया था, जिसमें कहा गया था कि अगर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल एक साल से ज्यादा समय से नहीं हो रहा है, तो कार्डधारक को सूचना दी जाए। अगर कार्डधारक की ओर से 30 दिन के भीतर कोई जवाब नहीं मिलता है तो कार्ड जारी करने वाले बैंक द्वारा कार्ड बंद कर दिया जाए, जो कार्डधारक के सभी बकायों के भुगतान पर निर्भर होगा। इसके साथ ही कार्ड की बंदी की सूचना क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी को 30 दिन के भीतर अद्यतन कर दी जाएगी।
देश में कार्ड जारी करने वाले सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के कुल कार्डों की संख्या में वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में 16.2 लाख क्रेडिट कार्डों की कमी आई। सितंबर के अंत में बैंक के कार्डों की कुल संख्या घटकर 163.2 लाख रह गई है, जो जुलाई में 180 लाख थी। एचडीएफसी बैंक के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने एक एनालिस्ट कॉल में कहा था, 'तिमाही के दौरान हमने 12 लाख कार्ड जारी किए हैं। कुल कार्डों की संख्या अब 163 लाख है। तिमाही के दौरान हमने 24 लाख कार्ड बंद किए हैं, जो रिजर्व बैंक के सर्कुलर के मुताबिक निष्क्रिय थे।'
ऐक्सिस बैंक दूसरे स्थान पर है, जिसके कार्डों की संख्या इस दौरान 11 लाख कम हुई है। इसकी वजह से बैंक के कुल क्रेडिट कार्डों की संख्या घटकर 88.2 लाख रह गई है, जो जुलाई में करीब 100 लाख थी। वहीं दूसरी तरफ आईसीआईसीआई बैंक के इस दौरान 4,09,147 कार्ड घटे हैं। सिर्फ सितंबर महीने में आईसीआईसीआई बैंक के शुद्ध 6,20,000 कार्ड घटे हैं। अन्य प्रमुख कारोबारियों में केनरा बैंक के कार्डों में दूसरी तिमाही में 3,54,413 कार्ड घटे, जबकि येस बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड के कार्डों की संख्या में 40,567 और 1,04,432 की कमी आई है।
बहरहाल एसबीआई कार्ड की स्थिति अलग रही, जिसे इस तिमाही के दौरान लाभ हुआ है। दूसरी तिमाही में एसबीआई कार्ड की संख्या 2,93,368 बढ़ी है। रिजर्व बैंक के मानकों का एसबीआई पर सीमित असर रहा, क्योंकि उसके कार्डों में 95 प्रतिशत पर शुल्क लगता है। प्रबंधन ने कहा कि नियामक द्वारा जारी सभी दिशानिर्देश प्रगतिशील हैं और इसे क्रेडिट कार्ड संस्कृति में बढ़ोतरी होगी।
इसी तरह से इस अवधि के दौरान कोटक महिंद्रा बैंक के 2,47,813 कार्ड बढ़े हैं, जबकि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, इंडसइंड बैंक और आरबीएल बैंक के क्रमशः 1,61,443 कार्ड, 1,08,334 कार्ड और 92,000 कार्ड बढ़े हैं।
वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही के अंत में एचडीएफसी बैंक की कार्डों के बाजार में हिस्सेदारी 22.34 प्रतिशत थी, उसके बाद एसबीआई कार्ड की हिस्सेदारी 18.18 प्रतिशत, आईसीआईसीआई कार्ड की 17.18 प्रतिशत, ऐक्सिस बैंक की 12.3 प्रतिशत थी। वहीं एचडीएफसी बैंक के की बाजार हिस्सेदारी 21.01 प्रतिशत कम हुई है और वह पहली तिमाही से 133 आधार अंक गिरी है। वहीं एसबीआई कार्ड की बाजार हिस्सेदारी 19.08 प्रतिशत बढ़ी है, जो 90 बीपीएस ज्यादा है। आईसीआईसीआई बैंक की बाजार हिस्सेदारी मामूली कम हुई है, जबकि ऐक्सिस बैंक की बाजार हिस्सेदारी 95 बीपीएस कम हुई है।