हरियाया सरकार ने केंद्र सरकार से सामुदायिक बायोगैस प्लांट बनाने एक करोड़ रुपये देने की घोषणा

हरियाया सरकार ने केंद्र सरकार से सामुदायिक बायोगैस प्लांट (Biogas plant) की स्थापना के लिए प्रति यूनिट 50 लाख रुपये की जगह एक करोड़ रुपये देने की मांग की है. इससे पशुपालकों को फायदा होगा.

Update: 2021-08-11 17:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-  हरियाया सरकार ने केंद्र सरकार से सामुदायिक बायोगैस प्लांट (Biogas plant) की स्थापना के लिए प्रति यूनिट 50 लाख रुपये की जगह एक करोड़ रुपये देने की मांग की है. इससे पशुपालकों को फायदा होगा. हरियाणा प्रमुख पशुपालक प्रदेश है. उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के मुताबिक हरियाणा सरकार द्वारा बड़ी गौशालाओं व दूध की डेयरियों में गोबर गैस प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इन प्लांटों पर सरकार 40 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है. उन्होंने केंद्र सरकार को भी गौशालाओं में गोबर गैस प्लांट लगाने के लिए कोई रियायती स्कीम शुरू करने का सुझाव दिया है.

चौटाला के मुताबिक हिसार जिले के गांव नया-गांव में सामुदायिक बायोगैस प्लांट की एक यूनिट लगाने की पहल की जा चुकी है. इस गैस से गांव की करीब 40 प्रतिशत आबादी के घरों में पूर्ति की जा रही है. सभी जिलों में 22 सामुदायिक बायोगैस प्लांट लगाए जा रहे हैं, लेकिन जनसंख्या के हिसाब से यह कम हैं. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 50 'व्यक्तिगत बॉयोगैस प्लांट्स' प्रदेश में स्थापित किए गए हैं. जबकि 368 प्लांट लगाने के लिए पहचान की गई है. कृषि विभाग द्वारा भी 102 'व्यक्तिगत बॉयोगैस प्लांट्स' लगाए जा चुके हैं.
बायोगैस का कितना फायदा?
हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने दावा किया है कि प्रदेश में करीबन 7.60 लाख पालतू पशुधन (livestock) हैं. इनके गोबर का इस्तेमाल करके 3.8 लाख क्यूबिक मीटर बायोगैस पैदा की जा सकती है. इस बायोगैस से रोजाना तीन सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है. डेयरी और गौशालाएं बायो-गैस प्लांट लगाकर खाद, बिजली और कुकिंग गैस (Cooking gas) का उत्पादन करके न केवल अपनी आमदनी (Farmers Income) बढ़ा सकते हैं बल्कि इससे आसपास के गांवों को भी फायदा दे सकते हैं.
बायोगैस प्लांट के कई फायदे हैं. इसका प्लांट लगाकर हम पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम कर सकते हैं. इससे प्राकृतिक खाद मिलती है, जो खेती को उपजाऊ बनाने के लिए काम करती है. इसके अलावा, बायोगैस प्लांट से धुआं-रहित गैस निकलती है, जिसका उपयोग एलपीजी की तरह खाना बनाने में किया जाता है. प्लांट से बिजली (Electricity) बनाकर आसपास के क्षेत्र में इसकी आपूर्ति की जा सकती है.
कितनी क्षमता के लिए कितने पशुओं की जरूरत
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 25 क्यूबिक मीटर क्षमता के बायोगैस प्लांट के लिए 70 से 80, 35 क्यूबिक मीटर प्लांट के लिए 100 से 110 और 45 क्यूबिक मीटर के लिए 125 से 140 पशुओं के गोबर की आवश्यकता होती है. इसी तरह 60 क्यूबिक मीटर के लिए 175 से 180 जबकि 85 क्यूबिक मीटर क्षमता का संयंत्र स्थापित करने के लिए 250 से 270 पशुओं के गोबर की जरूरत पड़ती है.


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