'जीएसटी प्रणाली को व्यावहारिक कौशल वाले प्रशिक्षित कर पेशेवरों की जरूरत है'
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| जहां सरकार संसाधन जुटाने के लिए कर प्रबंधन पर विशेष ध्यान देती है, वहीं विशेषज्ञों के अनुसार सरकार की जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) प्रणाली का समर्थन करने के लिए कुशल कर पेशेवरों की बहुत आवश्यकता है। जीएसटी का दायरा पिछले कुछ वर्षों में व्यापक हुआ है, हालांकि, कुशल कर पेशेवरों में मांग को पूरा करने के लिए एक अंतर देखा गया है। इस संदर्भ में ई-लनिर्ंग प्लेटफॉर्म टैक्स4वेल्थ ने स्किल इंडिया मिशन की तर्ज पर व्यावहारिक कौशल प्रशिक्षण देने पर विशेष ध्यान देते हुए जीएसटी से संबंधित विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किए हैं।
टैक्स4वेल्थ के सीईओ हिमांशु कुमार ने कहा कि जीएसटी सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है और इस अवधि के दौरान इसका दायरा बढ़ा है। ऐसी स्थिति में, निकट भविष्य में जीएसटी के संदर्भ में विशेषज्ञ कर पेशेवरों की भारी मांग होगी। हमने पाया है कि अधिकांश व्यवसायों में कर प्रणाली के बारे में केवल सैद्धांतिक प्रशिक्षण है। लेकिन, जीएसटी की व्यापक प्रयोज्यता को देखते हुए उचित व्यावहारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
ई-लनिर्ंग प्लेटफॉर्म के स्किलिंग मॉडल के बारे में उन्होंने कहा: हमारा ध्यान व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से सीखने पर अधिक है ताकि कर पेशेवरों को जीएसटी प्रणाली और इसके कामकाज का प्रत्यक्ष ज्ञान मिल सके। प्रशिक्षित कर पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। लेकिन, सच्चाई यह है कि केवल कुशल और प्रशिक्षित पेशेवर ही अवसरों का लाभ उठा पाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र के सुचारू संचालन के लिए संसाधनों की जरूरत है। भारत में अप्रत्यक्ष कर के संदर्भ में कई विसंगतियां थीं। जिसे हटाने और भारत में 'वन नेशन वन टैक्स सिस्टम' को लागू करने के लिए जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स सिस्टम लाया गया था। इस प्रणाली में कई प्रक्रियाएं शामिल हैं और इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में लेखा पेशेवरों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।