GST Fraud: दिल्ली के कारोबारी ने बिना खरीदे ही बेच डाले सामान, सरकार को लगाया 128 करोड़ का चूना

GST: जीएसटी अधिकारियों ने आरोपी के दिल्ली और हिमाचल प्रदेश स्थित व्यावसायिक परिसरों और घरों पर भी छापेमारी की. उन्होंने कहा कि कुछ आपूर्तिकर्ताओं के परिसरों पर भी छापे मारे गए.

Update: 2021-07-26 02:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के खुफिया प्रभाग के अधिकारियों ने दिल्ली के एक कारोबारी को कथित तौर पर फर्जी तरीके से 128 करोड़ रुपयए के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हस्तांतरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (DGGI) की चंडीगढ़ परिक्षेत्र यूनिट के अधिकारियों ने जांच में पाया कि आरोपी कथित तौर पर सामान की खरीद-फरोख्त के बिना ही बिल जारी कर रहा था और इस तरह अवैध तरीके से दिल्ली एवं चंडीगढ़ सहित कई जगहों पर विभिन्न इकाइयों को आईटीसी का दावा करने में मदद कर रहा था.

आईटीसी (ITC) के तहत इकाइयों को करोबार या उत्पादन की सीरीज में सामग्री या संसाधनों पर पहले चुकाए जा चुके कर के समायोजन/वापसी का लाभ मिलता है. डीजीजीआई की चंडीगढ़ जोनल इकाई के अधिकारी ने कहा कि आरोपी ने कई लाभार्थियों को फर्जी आईटीसी हस्तांतरित करने के लिए छह कंपनियां स्थापित की थीं.
128 करोड़ का लगाया चूना
उन्होंने कहा कि आरोपी ने फर्जी तरीके से 128 करोड़ रुपए की आईटीसी हस्तांतरित किए. अधिकारी ने बताया कि जीएसटी अधिकारियों ने आरोपी के दिल्ली और हिमाचल प्रदेश स्थित व्यावसायिक परिसरों और घरों पर भी छापेमारी की. उन्होंने कहा कि कुछ आपूर्तिकर्ताओं के परिसरों पर भी छापे मारे गए.
बिना खरीदे ही बेच डाले सामान
जांच में यह भी पता चला कि उसकी ओर से जिन वस्तुओं को बिक्री के रूप में दिखाया गया था, उन्हें कभी खरीदा नहीं गया था और इसी तरह कुछ चीजें जिन्हें खरीद के रूप में दिखाया गया था, उन्हें विक्रेता कंपनियों द्वारा कभी बेची ही नहीं गया था.
साथ ही जिन वाहनों को माल के परिवहन के साधनों के तौर पर दिखाया गया था, वे देश के दूसरे हिस्सों में चल रहे थे. आरोपी रेडीमेड कपड़े, रसायन, सिगरेट समेत अन्य चीजों का कारोबार करता है.
इससे पहले, पिछले महीने जीएसटी अधिकारियों ने दिल्ली में 91.256 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का पता लगाया थी और इन मामलों में 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. दरअसल एक खास खुफिया जानकारी के आधार पर, केंद्रीय माल और सेवा कर के कमिश्नर ऑफिस के पश्चिमी दिल्ली की चोरी-रोधी शाखा के अधिकारियों ने लगभग 91 करोड़ रुपये के माल रहित चालान के माध्यम से अस्वीकार्य इनपुट टैक्स क्रेडिट (Inadmissible Input Tax Credit) के लाभ/उपयोग और पारित करने के फर्जी मामले का पता लगाया है. इस मामले में अस्वीकार्य क्रेडिट का लाभ उठाने और इनका उपयोग करने और पारित करने की काम में कई फर्में शामिल थीं.


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