GST काउंसिल की बैठक आज, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
राज्यों के घाटे की पूर्ति के लिए केंद्र ने राज्यों की तरफ से 1.10 लाख करोड़ रपए उधार लिए.
वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज को जीएसटी काउंसिल (GST Council Meeting) की 43वीं बैठक होगी. करीब 8 महीने बाद हो रही जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. इस बैठक में कोविड-19 से जुड़े सामानों जैसे दवाइयों, टीकों और चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी रेट को कम करने पर विचार किया जाएगा.
इसके अलावा बैठक में राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के मुद्दे भी चर्चा होगी. जीएसटी काउंसिल में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं.
ऑक्सीनज कंसन्ट्रेटर पर टैक्स घटाने की मांग
जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर (oxygen concentrator) के इम्पोर्ट पर टैक्स लगाने के बारे में नया फैसला हो सकता है. इस समय इस पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी (GST) लगता है. बता दें कि सरकार कोविड राहत के लिये राज्य सरकार या उसके द्वारा अधिकृत एजेंसी द्वारा भारत में फ्री डिस्ट्रीब्यूशन के लिए इम्पोर्टेड ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर आईजीएसटी (IGST) छूट दे चुकी है.
कोरोना की दवा से जीएसटी हटाया जाए
देश में इस समय कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक आयात पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है. वित्त मंत्री ने कहा था कि कोरोना की दवा, वैक्सीन पर जीएसटी हटा दिए जाने से दवाएं महंगी हो जाएगी.
जीएसटी हटने पर इनके निर्माता उत्पादन में इस्तेमाल कच्चे माल दूसरी सामानों पर चुकाए गए टैक्स (Tax on Raw Material) के लिए इनपुट-टैक्स-क्रेडिट (ITC) का दावा नहीं कर सकेंगे.
जीएसटी एमनेस्टी स्कीम का ऐलान
आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी रिटर्न फाइलिंग को लेकर एक एमनेस्टी स्कीम की घोषणा की जा सकती है. इस स्कीम के दायरे में 01 जुलाई 2017 से लेकर अप्रैल 2021 तक के सभी लंबित GSTR-3B रिटर्न्स को शामिल किया जाएगा. सभी जीएसटी रजिस्टर्ड कारोबार को GSTR-3B रिटर्न दाखिल करना होता है.
जीएसटी कंपनसेशन
इस बैठक में राज्यों को दी जाने वाले कंपनसेशन को लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद है. राज्यों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से वे वित्तीय संकट में हैं. ऐसे में वे केंद्र से अपनी जीएसटी कंपनसेशन के भुगतान को लेकर समय सीमा देने की मांग करेंगे. पिछले साल जीएसटी फंड में राज्यों के घाटे की पूर्ति के लिए केंद्र ने राज्यों की तरफ से 1.10 लाख करोड़ रपए उधार लिए.