इस राज्य में 20 साल पुराने वाहन पर देना होगा 10 हजार का ग्रीन टैक्स, जाने बातें

Green Tax: दक्षिणी राज्यों में वाहनों पर सबसे ज्यादा कर कर्नाटक में लगता है, लेकिन नया कानून बनने के बाद आंध्र प्रदेश उसके बाद दूसरे स्थान पर आ गया है.

Update: 2021-11-25 04:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आंध्र प्रदेश विधानसभा ने ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए मोटर वाहनों पर कर बढ़ाने संबंधी आंध्र प्रदेश मोटर वाहन कराधान संशोधन विधेयक 2021 (AP Motor Vehicles Taxation (Amendment) Bill 2021) को मंजूरी दे दी. नया कानून लागू होने से राज्य सरकार को सालाना 409.58 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है. नए कानून में पुराने मोटर वाहनों पर लगने वाले ग्रीन टैक्स (Green Tax) में कई गुणा की बढ़ोतरी की गई है. आंध्र प्रदेश में वाहनों पर ग्रीन टैक्स की दर इससे पहले 2006 में संशोधित हुई थी.

दक्षिणी राज्यों में वाहनों पर सबसे ज्यादा कर कर्नाटक में लगता है लेकिन नया कानून बनने के बाद आंध्र प्रदेश उसके बाद दूसरे स्थान पर आ गया है. परिवहन मंत्री पर्नी वेंकटरमैया ने यह विधेयक विधानसभा के अनुमोदन के लिए रखते हुए कहा कि वाहनों पर लागू कर की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए यह बदलाव किए गए हैं.
ये हैं नई टैक्स दरें
नई टैक्स दरों के मुताबिक 15 साल से ज्यादा पुरानी मोटरसाइकिल पर 2,000 रुपये का हरित कर देना होगा जबकि 20 साल से ज्यादा पुरानी होने पर यह राशि बढ़कर 5,000 रुपये हो जाएगी.
अन्य वाहन श्रेणियों के मामले में 15 साल पुरानी गाड़ियों पर 5,000 रुपये और 20 साल पुरानी गाड़ियों पर 10,000 रुपये का हरित कर देना होगा.
पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करना नई गाड़ी लेने पर मिलेगी टैक्स में छूट
पुरानी गाड़ियों को कबाड़ में देने और नई गाड़ी खरीदने पर सरकार टैक्स में छूट देने की योजना बना रही है. यह बात केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कही. माना जा रहा है कि पुरानी गाड़ियों को कबाड़ में देने और उसके सर्टिफिकेट के सहारे नई गाड़ी लेने पर सरकार रोड टैक्स में 25 फीसदी की छूट दे सकती है. ऐसे और भी कई फायदे हैं जो सरकार की कबाड़ नीति के तहत दिए जाएंगे.
गाड़ियों को स्क्रैप करवाने के लिए सरकार देश के हर इलाके में स्क्रैप सेंटर खोलेगी. नितिन गडकरी के मुताबिक, देश के हर जिले में 3-4 स्क्रैप खोलने की सरकार की योजना है. सरकार इसके लिए प्राइवेट कंपनियों के साथ करार कर रही है. सरकारी लाइसेंस लेकर कंपनियां गाड़ियों की स्क्रैपिंग कर सकेंगी. इस काम में कई कंपनियां आगे आ रही हैं जिनमें टाटा मोटर्स और महिंद्रा के नाम मुख्य रूप से बताए जा रहे हैं.



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