सरकार 13 एयरपोर्ट्स का निजीकरण मार्च तक करेगी, एविएशन मंत्रालय को भेजी गई सूची, जाने

सरकार की 13 एयरपोर्ट्स के निजीकरण की प्रक्रिया को इस वित्त वर्ष के आखिर तक पूरा करने की योजना है. इन एयरपोर्ट्स का संचालन सरकारी स्वामित्व वाली एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) कर रही है.

Update: 2021-10-26 07:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार की 13 एयरपोर्ट्स के निजीकरण की प्रक्रिया को इस वित्त वर्ष के आखिर तक पूरा करने की योजना है. इन एयरपोर्ट्स का संचालन सरकारी स्वामित्व वाली एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) कर रही है. इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. ईटी को AAI के चेयरमैन संजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने एविएशन मंत्रालय को 13 एयरपोर्ट्स की लिस्ट भेजी है, जिन पर PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) के आधार पर बोली लगाई जाएगी. उन्होंने उसे बताया कि योजना इन एयरपोर्ट्स की बोली को इस वित्त वर्ष के आखिर तक पूरा करने की है.

पर-पैसेंजर रेवेन्यू मॉडल को किया जाएगा फॉलो
ईटी को कुमार ने कहा कि बोली की प्रक्रिया के लिए जो मॉडल को फॉलो किया जाएगा, वह पर-पैसेंजर रेवेन्यू मॉडल होगा. उन्होंने आगे बताया कि इस मॉडल को पहले भी इस्तेमाल किया जाएगा और यह कामयाब रहा है. उन्होंने कहा कि समान मॉडल पर ग्रेटर नोएडा में स्थित जेवर एयरपोर्ट के लिए भी बोली लगाई गई थी. उनके मुताबिक, कोरोना के बावजूद इन प्रोजेक्ट्स को लेने वाले होंगे, क्योंकि बीमारी का असर छोटी अवधि के लिए है और एयरपोर्ट्स 50 सालों के लिए ऑफर पर हैं.
AAI ने सात छोटे एयरपोर्ट्स और छह बड़ों को साथ रखा है. इनमें वाराणसी के साथ कुशीनगर और गया, अमृतसर के साथ कांगड़ा, भुवनेश्वर के साथ तिरुपति, रायपुर के साथ औरंगाबाद, इंदौर के साथ जबलपुर और त्रिचि के साथ हुबली को रखा गया है.
अगले चार सालों में 25 एयरपोर्ट्स का होगा निजीकरण
नेशनल मॉनेटाइजेशन प्लान (NMP) के हिस्से के तौर पर, सरकार की योजना अगले चार सालों में 25 एयरपोर्ट्स का निजीकरण करने की है, जिनमें ये 13 भी शामिल हैं. इसमसे पहले 2019 में छह एयरपोर्ट्स को अडाणी ग्रुप को दिया गया था. यह निजीकरण के दूसरे चरण की शुरुआत थी. इससे पहले 2005-6 में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और हैदराबाद के एयरपोर्ट्स को प्राइवेट हाथों में दिया गया था.
सरकार की योजना सेक्टर को खोलने की है. इसके लिए मुनाफा कमा रहे एयरपोर्ट्स का निजीकरण किया जाएगा. AAI का मानना है कि कुछ क्षेत्रों में नए एयरपोर्ट्स का निर्माण भी किया जाएगा, जहां निजी सेक्टर निवेश नहीं करना चाहता है. इनका निर्माण प्राइवेटाइज किए गए एयरपोर्ट्स से मिले रेवेन्यू के जरिए किया जाएगा.
AAI की कमाई को कोरोना वायरस से झटका लगा है. उसे वित्त वर्ष 2021 में 1,962 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है और उसे सैलरी समेत अपने वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 1,500 करोड़ रुपये का उधार लेना पड़ेगा. स्थिति के सामान्य की ओर वापस आने और मुसाफिरों का ट्रैफिक बढ़ने के साथ, AAI को इस साल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों के लिए कर्ज नहीं लेना पडे़गा.


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