सरकार ने लिया फैसला, कृषि उत्पाद को लेकर किसानों के लिए रहत बड़ी खबर

कृषि उत्पाद निर्यात निकाय एपीडा बाजरा और बाजरा उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए वर्ष 2021 से 2026 तक की योजना बनाई है.

Update: 2021-01-14 10:14 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | कृषि उत्पाद निर्यात निकाय एपीडा बाजरा और बाजरा उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए वर्ष 2021 से 2026 तक की योजना बनाई है. सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि एपीडा द्वारा विकसित किसान कनेक्ट पोर्टल पर जैविक बाजरा उगाने वाले समूहों, एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनोंत्र के पंजीकरण और बाजरा के निर्यातकों की पहचान के प्रयास किए जाएंगे. ये खरीद और बिक्री गतिविधियों के लिए बातचीत में मदद करेंगे, और भारतीय बाजरा को बढ़ावा देने के लिए नए संभावित अंतरराष्ट्रीय बाजारों की पहचान करेंगे. आपको बता दें कि ज्वार पौष्टिक अनाज है और इसके अंतर्गत ज्वार, बाजरा, रागी, छोटा ज्वार, कंगनी, प्रोसो मिलेट, बार्नयार्ड मिलेट, कोदो तथा अन्य ज्वार आते हैं और इनका पौष्टिक महत्व अधिक होता है.

अब क्या है सरकार की तैयारी-कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने आईएफएडी द्वारा आंध्र प्रदेश सूखा शमन परियोजना (एपीडीएमपी) के साथ मिलकर बाजरा एक्सपोर्टर्स और एफपीओ को जोड़ने की तैयारियां हो रही है. साथ ही, सरकार इसको बढ़ावा देने के लिए नई छूट देने की भी तैयारी कर रही है.

एपीडा वर्ष 2021-26 की 5 वर्ष की अवधि के लिए ज्वार तथा ज्वार प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए नई योजना तैयारी कर रही है.

आइए बाजरे के बारे में जानते है

बाजरा – यह एक विश्व की एक मोटे अनाज वाली महत्वपूर्ण फसल है. वर्षा आधारित कृषि के लिये ज्वार सबसे उपयुक्त फसल है. ज्वार की फसल से किसान को डबल फायदा होता है. पहले तो अनाज के तौर पर इस्तेमाल करते है. दूसरा इसे पशुओं के चारे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

ज्वार का पौधा अन्य अनाज वाली फसलों की अपेक्षा कम प्रकाश सष्लेषन एवं प्रति इकाई समय में अधिक शुष्क पदार्थ का निर्माण करता है . ज्वार की पानी उपयोग करने की क्षमता भी अन्य अनाजवाली फसलों की तुलना में अधिक है .

गर्मी के समय खेत की गहरी जुताई भूमि उर्वरकता,खरपतवार एवं कीट नियंत्रण की दृष्टि से आवश्यक है. खेत को ट्रेक्टर से चलने वाले कल्टीवेटर या बैलों से जुताई कर जमीन को अच्छी तरह भूरभूरी कर पाटा चलाकर जमीन तैयार की जाती है.

बाजरा खाने के फायदे

बाजरा खाने से एनर्जी मिलती है. यह वजन घटाता है. बाजरा खाने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती है. जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है.

बाजरा कोलस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है.

बाजरे में भरपूर मात्रा में फाइबर्स पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में सहायक हैं. बाजरा खाने से कब्ज की समस्या नहीं होती है.

ये न केवल कैंसर से बचाव में सहायक है बल्कि इसके नियमित सेवन से डायबिटीज का खतरा भी कम हो जाता है. डायबिटीज के मरीजों को इसके नियमित सेवन की सलाह दी जाती है.

 

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