सरकार ने रिमोच सेंसिंग पोर्टल किया लांच, जो खेती-बाड़ी में करेगा मदद

सरकार ने मंगलवार को एक रिमोच सेंसिंग पोर्टल लांच किया. इसका नाम युक्तधारा है. यह पोर्टल रिमोट सेंसिंग के जरिये डेटा जुटाएगा जिससे खेती-बाड़ी में मदद ली जा सकेगी. साथ ही मनरेगा की संपत्तियों को सुविधाजनक बनाया जा सकेगा.

Update: 2021-08-24 14:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-  सरकार ने मंगलवार को एक रिमोच सेंसिंग पोर्टल लांच किया. इसका नाम युक्तधारा है. यह पोर्टल रिमोट सेंसिंग के जरिये डेटा जुटाएगा जिससे खेती-बाड़ी में मदद ली जा सकेगी. साथ ही मनरेगा की संपत्तियों को सुविधाजनक बनाया जा सकेगा. युक्तधारा पोर्टल जियोटैग के भंडार के रूप में काम करेगा क्योंकि इसमें कई अलग-अलग स्तर पर जानकारियां जुटाई जा सकेंगी. अब मनरेगा के कार्यों के बारे में पंचायत स्तर पर फैसला लिया जा सकेगा.

सरकार के मुताबिक पूरे देश में मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों और मनरेगा में दर्ज संपत्तियों की जानकारी जुटाने के अलावा युक्तधारा पोर्टल वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम, पर ड्रॉप मोर क्रॉप और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में मदद करेगा. इस पोर्टल के जरिये फील्ड फोटो जुटाए जा सकेंगे जिसके आधार पर अलग-अलग सरकारी विभाग अपनी योजनाओं को अमल में ला सकेंगे. इसके आधार पर बड़े स्तर पर रिसर्च के कार्यक्रम भी चलाए जा सकेंगे.
सिंचाई में मदद करेगा युक्तधारा
युक्तधारा पोर्टल को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मिलकर बनाया है. यह पोर्टल ग्रामीण विकास से जुड़े कई कार्यों को पूरा करने में मदद करेगा और खेती-बाड़ी से लेकर कृषि विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा. केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को इस पोर्टल की शुरुआत की.
चूंकि पोर्टल बनाने में इसरो की भी भूमिका है, इसलिए परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉक्‍टर जितेंद्र सिंह ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. पोर्टल की जानकारी देते हुए डॉक्‍टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसका नामकरण बहुत ही सही प्रकार से किया गया है क्योंकि 'युक्त' शब्द योजनम् से लिया गया है, जो योजना और 'धारा' अनवरत प्रवाह को दर्शाता है.
युक्तधारा का काम
यह पोर्टल अलग-अलग प्रकार की थीमेटिक परतों, मल्टी-टेम्पोरल हाई रेजोल्यूशन अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा को, एनालिटिकल उपकरणों के साथ एकत्रित करता है. योजना बनाने वाले लोगों के द्वारा अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत पिछली संपत्तियों का विश्लेषण किया जाएगा और वे ऑनलाइन उपकरणों के माध्यम से नए कार्यों की पहचान करने में सक्षम होंगे.
राज्य के विभागों के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों द्वारा तैयार की गई योजनाओं का सही मूल्यांकन किया जाएगा. इस प्रकार से, युक्तधारा आधारित योजनाएं निचले स्तर के पदाधिकारी द्वारा तैयार की जाएंगी और इससे जुड़े संसाधन आवंटन के लिए इसे उपयुक्त अधिकारियों और कार्यालयों की ओर से सत्यापित किया जाएगा. इसके माध्यम से योजना की क्वालिटी तय की जा सकेगी और पहले से तैयार संपत्तियों की निगरानी संभव हो सकेगी.
भुवन पोर्टल भी पहले से है मौजूद
इसी तरह का काम रिमोट सेंसिंग पोर्टल भुवन करता है जिसे इसरो ने बनाया है. भुवन मनरेगा से जुड़े आंकड़े जुटाता है जिसके आधार पर राज्यों में मनरेगा के काम शुरू किए जाते हैं. भुवन के जरिये मनरेगा की संपत्तियों की जियो टैगिंग की जाती है और उसके कार्यों की निगरानी की जाती है. जियो टैगिंग से संसाधन और फंड के आवंटन के बारे में भी निर्णय लिया जाता है. इसके साथ ही, एक नागरिक केंद्रित मोबाइल एप्लिकेशन, जन-मनरेगा ने भुवन सेवाओं का उपयोग करके ग्रामीण लोगों से प्रतिक्रिया लेने की दिशा में सहायता दिया है. इससे मनरेगा के कार्यों में बड़े स्तर पर पारदर्शिता देखी जा रही है


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