सरकार ने जारी किया अलर्ट, होली पर कैशबैक ऑफर्स के नाम पर लगाया जा रहा है चूना

Online UPI Fraud: होली के त्योहार पर कई साइबर ठग एक्टिव हैं. वो फेस्टिबल कैशबैक के नाम पर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं. जिसे लेकर सरकार ने अलर्ट जारी किया है. गृहमंत्रालय के अधीन ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त ने इसे लेकर कई ट्वीट किए हैं.

Update: 2022-03-17 06:40 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज के जमाने में बैंक से जुड़े काम-काज और लेन-देन काफी आसान हो गया है. आप अपने मोबाइल से घर बैठे ये सभी काम कर सकते हैं. लेकिन इन दिनों साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं. कई जालसाज कैशबैक के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं, जिसे लेकर सरकार ने अलर्ट जारी किया है. गृहमंत्रालय के अधीन ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त ने इसे लेकर कई ट्वीट किए हैं.

साइबर सुरक्षित होली मनाने का संदेश
साइबर दोस्त ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'एक खुश और साइबर सुरक्षित 'होली' का त्योहार मनाएं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनवेरिफाइड पोस्ट या न्यूज शेयर या फॉरवर्ड न करें. सावधान रहें और साइबर सेफ रहें. एक अन्य ट्वीट में साइबर दोस्त ने कहा है कि 'सोशल मीडिया पर यूपीआई एप के जरिये भुगतान का ऑफर करने वाले डिस्‍काउंट कूपन, कैशबैक और फेस्टिवल कूपन से संबंधित विभिन्‍न छलपूर्ण आकर्षक विज्ञापनों से सावधान. सतर्क रहें और साइबर सुरक्षित रहें.'
ऐसे लोगों को जाल में फंसाते हैं जालसाज
आपको बता दें कि आजकल जालसाज की तरह के लुभावने ऑफर्स देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं. वह लोगों को तरह-तरह के कैश की लालच देकर एक लिंक भेजते हैं. इस लिंक के जरिए वह आपको लॉटरी या कैशबैक भेजने के लिए आपसे पिन की मांग करते हैं. आप जैसे इस लिंक पर पिन डालते हैं तो वह आपके अकाउंट से सारे पैसे उड़ा लेते हैं. ऐसे में इस तरह के किसी लिंक को ओपन न करें और जल्द से जल्द इसे डिलीट कर दें.
पर्सनल जानकारी न करें शेयर
कई बार साइबर अपराधी आपको अलग-अलग ऑफर्स के नाम पर लोगों को कॉल करते हैं. इसके बाद वह उनसे उनके बैंकिंग डिटेल्स, यूपीआई पिन आदि जानकारी ले लेते हैं. इसके बाद वह आपके अकाउंट को खाली कर देते हैं. ऐसे में आप इस तरह किसी कॉल के झांसे में न आए और आपने बैंकिंग डिटेल्स किसी हालत में शेयर न करें.
जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में वित्तवर्ष 2020-21 कै दौरान इंटरनेट बैंकिंग धोखाधड़ी से जुड़ी 69818 मामले सामने आए थे. वहीं, इसके पहले वित्तवर्ष 2019-20 में 73552 फ्रॉड के मामले सामने आए थे. रिजर्व बैंक की तरफ से जारी किए गए इन आंकड़ों में यूपीआई, डेबिटकार्ड और क्रेडिट कार्ड से भी जुड़े मामले शामिल हैं.


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