सरकार ने ई-रिकॉर्ड के वेरिफिकेशन नियमों को बनाया आसान, लाखों टैक्सपेयर्स को दी राहत, जानें बातें

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अधिकारी और टैक्सपेयर्स के फेसलेस असेसमेंट (Faceless Assesment) कार्यवाही में जमा किये गये रिकॉर्ड के सत्यापन को सरल बनाने को लेकर इनकम टैक्स नियम में बदलाव किये.

Update: 2021-09-08 02:53 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कहा कि इनकम टैक्स पोर्टल (Income Tax Portal) पर करदाताओं (Taxpayers) के रजिस्टर्ड खाते से जमा किये गये इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को टैक्सपेयर्स द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (EVC) के जरिये प्रमाणित माना जाएगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अधिकारी और टैक्सपेयर्स के आमने -सामने आये बिना (फेसलेस) आकलन (Faceless Assesment) कार्यवाही में जमा किये गये रिकॉर्ड के सत्यापन को सरल बनाने को लेकर 6 सितंबर को इनकम टैक्स नियम में बदलाव किये.

मंत्रालय ने कहा कि संशोधित नियम में यह प्रावधान किया गया है कि आयकर विभाग के पोर्टल पर करदाताओं के पंजीकृत खाते के माध्यम से जमा किए गए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को करदाता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड के जरिये प्रमाणित माना जाएगा. उसने कहा, इसलिए, जहां कोई व्यक्ति आयकर विभाग के पोर्टल पर अपने पंजीकृत खाते में लॉग इन करके इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जमा करता है, यह माना जाएगा कि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड ईवीसी द्वारा सत्यापित किया गया है.
डिजिटल सिग्नेचर से होगा प्रमाणित
मंत्रालय ने कहा कि यह सरलीकृत प्रक्रिया कंपनियों या कर ऑडिट मामलों के लिए भी उपलब्ध होगी और उन्हें डिजिटल हस्ताक्षर के जरिये इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रमाणित करना अनिवार्य है. इस संबंध में विधायी संशोधन नियत समय पर लाए जाएंगे.
CII ने किया था सर्वे
उद्योग चैंबर सीआईआई के एक सर्वे के मुताबिक, अधिकांश व्यवसाय का मानना है कि फेसलेस मूल्यांकन से कर प्रशासन की दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार होगा. सर्वे में शामिल करीब 88 प्रतिशत लोगों का मानना है कि फेसलेस आकलन से कर अधिकारियों की ओर से इंटरफेस को कम करने और अवांछनीय प्रैक्टिस को कम करने के सरकार के उद्देश्य को साकार करने में मदद मिलेगी.
अब पेंडिंग टैक्स के मामले निपटाने के लिए 30 सितंबर तक कर सकते हैं अप्लाई
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अगर किसी का पेंडिंग टैक्स को लेकर कोई मामला है तो उसे सुलझाने के लिए 30 सितंबर तक इनकम टैक्स के अंतरिम बोर्ड को आवेदन दिया जा सकता है. यह मोहलत वैसे टैक्सपेयर्स को मिल रही है जिनका मामला इनकम टैक्स सेटलमेंट कमिशन (ITSC) में पेंडिंग है.
फाइनेंस एक्ट, 2021 ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया है. इसके तहत 1 फरवरी, 2021 के बाद से आईटीएससी का काम बंद कर दिया गया है. संशोधन में यह भी कहा गया है कि 1 फरवरी, 2021 के बाद टैक्स सेटलमेंट का कोई केस आईटीएससी में दायर नहीं किया जाएगा.


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