बजट में सरकार ने दी कर्मचारियों को राहत, अब कंपनियों को समय से जमा कराना होगा PF

बजट में सरकार ने कई सेक्टर्स के लिए अहम घोषणाएं की है.

Update: 2021-02-01 12:21 GMT

बजट में सरकार ने कई सेक्टर्स के लिए अहम घोषणाएं की है. कृषि से लेकर हेल्थकेयर में ऐसी घोषणाएं हुई जिसका फायदा आम लोगों के साथ साथ सेक्टर को भी होगा. यूं तो नौकरी पैसा लोगों को इनकम टैक्स में कोई छूट नही दी गई लेकिन नौकरी करने वाले लोगो के प्रोविडेंट फंड को लेकर अहम फैसला जरूर किया गया. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि कंपनियां अगर अपने कर्मचारियों का पीएफ समय से नहीं जमा कराएंगी तो उन्हें लाभ नहीं मिल सकेगा.


भानू प्रताप शर्मा, रिटायर्ड एनफोर्समेंट ऑफिसर ने बताया कि कंपनियां अगर महीने की 18 तारीख तक कर्मचारियों का पीएफ नहीं जमा कराती थी तो उनपर पेनल्टी लगाई जाती थी. वहीं 18 तारीख से पहले पीएफ जमा कराने वालों को सरकार की ओर से छूट दी जाती है. अब सरकार ने इस छूट को ही खत्म कर दिया है. दरअसल सरकार का मकसद यह है कि कंपनी की वजह से किसी भी कर्मचारी को परेशानी का सामना न करना पड़े.


कितनी लगती है पेनल्टी

सेक्शन 7Q के तहत 12 फीसदी सालाना की पेनल्टी भरनी होती है. यह पेनल्टी डेडलाइन खत्म होने के बाद से हर रोज के हिसाब से लगाई जाती है. दरअसल कंपनियों की देरी से कर्मचारियों को दोहरी मार पड़ती है. एक तो उनका पीएफ देर से जमा होता है. वहीं देर से जमा होने के कारण कर्मचारियों को ब्याज का नुकसान भी झेलना पड़ता है.

– दो महीने तक की देरी पर 5 फीसदी की पेनल्टी
– 2-4 महीने की देरी पर 10 फीसदी की पेनल्टी
– 4-6 महीने की देरी पर 15 फीसदी की पेनल्टी
– 6 महीने से ज्यादा की देरी होने पर 25 फीसदी की पेनल्टी

निवेशकों को भी लगा झटका

कंपनियों के साथ साथ बजट में एक ऐसा ऐलान किया गया है जिसमें कर्मचारियों को भी झटका लगा है. निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि अब एक वित्त वर्ष में केवल 2.5 लाख रुपए तक निवेश करने पर ही टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा. मतलब उससे ज्यादा निवेश किया है तो ब्याज से कमाई टैक्स के दायरे में आएगी. वर्तमान में पीएफ पर इंट्रेस्ट रेट 8 फीसदी है और इंट्रेस्ट इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री है.

1 अप्रैल से लागू होगा नया नियम

यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा. नए नियम के मुताबिक अगर किसी कंट्रीब्यूटर ने पीएफ में सालाना 2.5 लाख से ज्यादा निवेश किया है तो एडिशनल निवेश पर इंट्रेस्ट से जो इनकम होगा वह टैक्स के दायरे में आएगा. बता दें कि प्रोविडेंट फंड, NPS में निवेश पर भी टैक्स बेनिफिट मिलता है. इसके तहत निवेश सेक्शन 80सी के अंतर्गत आता है. इसके अलावा इंट्रेस्ट इनकम और विदड्रॉल भी पूरी तरह टैक्स फ्री है. बजट बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर कहा गया कि इस नियम से अधिक से अधिकम 1 फीसदी EPF कंट्रीब्यूटर प्रभावित होंगे.


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