सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन योजना का दायरा बढ़ाया, क्या किसानों को मिलेगी इससे राहत

ऑपरेशन ग्रीन में पहले तीन सब्जियों-आलू, प्याज और टमाटर को रखा गया था.

Update: 2021-02-02 09:21 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन योजना का दायरा बढ़ा दिया है. पहले इसमें तीन सब्जियों को ही शामिल किया गया था लेकिन सरकार ने इसका दायरा बढ़ाते हुए 22 उत्पादों का शामिल कर दिया है. कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन से किसानों को राहत देने के लिए सराकर ने ऑपरेशन ग्रीन योजना शुरू की थी. इस योजना का मकसद था किसानों को उन फल-सब्जियों पर राहत देना जो जल्दी खराब होते हैं.

लॉकडाउन में परिवहन व्यवस्था ठप थी और फलों और सब्जियों की ढुलाई मुश्किल हो रही थी. इससे सब्जियों के खराब होने की संभावना बढ़ गई थी. इससे बचने के लिए सरकार ने किसानों की मदद में ऑपरेशन ग्रीन योजना शुरू की. शुरू में इस योजना में आलू, प्याज और टमाटर को रखा गया था. इन तीन सब्जियों को सरकार ने योजना में शामिल कर किसानों की आय बढ़ाने का फैसला किया था. इससे किसानों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी फायदा मिला. कोरोना के दौरान सब्जियों की कीमत स्थिर रही या काफी कम रही. किसानों को भी सरकार से सहायता मिली.

22 उत्पादों पर फायदा

ऑपरेशन ग्रीन में पहले तीन सब्जियों-आलू, प्याज और टमाटर को रखा गया था, लेकिन इसकी सफलता को देखते हुए सरकार ने इसमें 22 उत्पादों को शामिल कर दिया है. इन 22 कृषि उत्पादों में जल्दी खराब होने वाली सब्जियों का शामिल किया गया है. योजना का मकसद है खराब होने से पहले फल और सब्जियों की उचित कीमतें किसान को मिल सकें. इस योजना के जरिये किसानों के साथ-साथ उपभोक्ताओं तक मदद पहुंचाना है. सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन के जरिये किसानों को सीधा उपभोक्ताओं से जोड़ दिया है. इस योजना में सरकार एफपीओ, मार्केटिंग फेडरेशन, स्वयं सहायता समूह और फूड प्रोसेसिंग कंपनियों को अनुदान देती है.

डिमांड सप्लाई चेन पर ध्यान

ऑपरेशन ग्रीन योजना के जरिये उत्पादन और खपत की पूरी प्लानिंग बनाई जा रही है और उसी के अनुसार फसलों को उचित बाजार मुहैया कराया जा रहा है. इसमें फूड प्रोसेसिंग और स्टोरेज के काम में भी बड़ी मदद मिल रही है. इस योजना में मार्केट इंटेलिजेंस नेटवर्क को स्थापित करने के साथ ही डिमांड और सप्लाई पर भी जोर दिया जा रहा है. इंटेलिजेंस नेटवर्क से किसानों और उसकी उपज का रियल टाइम डाटा मिल सकेगा. साथ ही किस इलाके में किन उपजों की मांग है, उसके बारे में भी जानकारी मिल सकेगी.

खेत और बाजार में मेल

सरकार ने इसके लिए उन जगहों को चिन्हित किया है जहां उत्पादन होता है. उन जगहों को भी चिन्हित किया गया है जहां उसका स्टोरेज किया जाना है और वहां से बाजार तक पहुंचाना है. बाजार तक पहुंचाने के लिए परिवहन की क्या व्यवस्था होगी, सरकार का इस पर भी ध्यान है. सरकार फूड प्रोसेसिंग से लेकर स्टोरेज और परिवहन के लिए सब्सिडी देती है. सब्सिडी का लाभ उठाकर किसान प्रोसेसिंग, स्टोरेज या परिवहन में अपनी भागीदारी निभाकर कमाई कर सकते हैं.

लोगों तक पहुंचे उत्पाद

अभी तक हम यही देखते हैं कि कहीं फल-सब्जियों का उत्पादन ज्यादा है और कहीं न के बराबर है. जहां उत्पादन ज्यादा है वहां उपज खराब होती है क्योंकि उसके स्टोरेज या बाजार तक पहुंच के लिए उचित परिवहन की व्यवस्था नहीं होती. जहां उपज नहीं है वहां समय पर सप्लाई नहीं हो पाती जिससे भाव सातवें आसमान पर रहता है. ऑपरेशन ग्रीन योजना इन सभी योजनाओं का समाधान निकालती है और उपज वाले इलाके से उपभोक्ताओं तक उत्पाद पहुंचाने में मदद करती है.

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