दूसरे दौर के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार ने मांगे आवेदन, जानें कब तक है मौका
11 हजार करोड़ रुपए निवेश करेगी ये कंपनियां
सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) के तहत व्यापक स्तर पर दूसरे चरण के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग (Electronics Manufacturing के लिए आवेदन मंगाने शुरू कर दिए हैं. इस चरण के तहत सरकार का ध्यान कुछ इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों मसलन मदरबोर्ड (motherboards), सेमीकंडक्टर उपकरणों (semiconductor devices) आदि पर रहेगा. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (Meity) मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार इस योजना के तहत आवेदन 31 मार्च तक किया जाएगा. इस तिथि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है.
11 मार्च को जारी एक कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, दूसरे दौर की पीएलआई योजना के तहत आवेदन स्वीकार करने शुरू कर दिए गए हैं. दूसरे दौर की पीएलआई योजना चार साल की होगी. इसके तहत प्रोत्साहन एक अप्रैल, 2021 से दिया जाएगा.
11 हजार करोड़ रुपए निवेश करेगी ये कंपनियां
पहले दौर की योजना के तहत आवेदन 31 जुलाई तक लिए गए. इस दौर में एपल (Apple) के लिए अनुबंध पर विनिर्माण करने वाली फॉक्सकॉन (Foxconn), विस्ट्रॉन (Wistron) और पेगाट्रॉन (Pegatron) के अलावा सैमसंग (Samsung) तथा स्थानीय कंपनियों लावा (Lava), ऑप्टिमस (Optiemus), डिक्सन (Dixon) आदि ने भाग लिया. इन कंपनियों ने 11,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है.
क्या है पीएलआई स्कीम?
भारत सरकार देश को मैनुफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाना चाहती है. देश-विदेश की तमाम कंपनियों को भारत में सामान बनाने के लिए आकर्षित करने के हिसाब से सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI Scheme) शुरू की है. पीएलआई स्कीम के तहत केंद्र सरकार अगले 5 साल के दौरान भारत में सामान बनाने वाली कंपनियों को 1.46 लाख करोड़ रुपए का प्रोत्साहन देगी.
इस स्कीम का लाभ सभी उभरते सेक्टर जैसे कि ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, उन्नत रसायन विज्ञान, टेलिकॉम, फार्मा, और सोलर पीवी निर्माण आदि ले सकते हैं.