सरकार ने किया इन सरकारी कंपनियों को प्राइवेट करने का ऐलान, वित्त मंत्री ने की पुष्टि

Update: 2021-08-12 17:12 GMT

मोदी सरकार अपने विनिवेश कार्यक्रम पर लगातार आगे बढ़ रही है. भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industries-CII) की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी कंपनियों को प्राइवेट किए जाने की पुष्टि भी की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया है कि सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है. निर्मला सीतारमण ने ये बात गुरुवार को CII की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने कहा कि कोविड काल में भी मोदी सरकार ने सुधार कार्यक्रमों को जारी रखा है. अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए जो ठीक लगा वो किया गया और इसी क्रम में कई कानूनों में बदलाव हुआ. कृषि कानून आए, फैक्टरी, श्रम, मध्यस्थता, दिवाला कानून में संशोधन किए गए. पिछली तारीख से लगने वाले टैक्स को खत्म किया गया. इसके अलावा उन्होंने सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों और अन्य सरकारी कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन के लिए उठाए गए कदमों की भी बात की.

प्राइवेटाइजेशन पर ये बोली निर्मला सीतारमण

सरकार के प्राइवेटाइजेशन कार्यक्रम को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देना चाहती है. इसलिए वह सार्वजनिक लोक उपक्रमों (PSU) के लिए एक नीति भी लेकर आई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार अपने विनिवेश कार्यक्रम को लेकर प्रतिबद्ध है. वह बजट में घोषित सरकारी कंपनियों के विनिवेश को लेकर आगे बढ़ रही है.

'होंगी ये सरकारी कंपनियां प्राइवेट'

अपने संबोधन में निर्मला सीतारमण ने कहा, 'सरकार अपने विनिवेश कार्यक्रम को लेकर दृढ़ है. बुधवार को DIPAM के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे ने CII की बैठक को संबोधित करते प्राइवेट की जाने वाली कंपनियों का खुले तौर पर नाम लिया. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया का, भारत पेट्रोलियम का, और कॉनकोर का विनिवेश होगा. मैं कहती हूं कि इन सभी का विनिवेश होगा. और जोर लगाएंगे कि इन सबका विनिवेश इसी साल हो.'

एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम इसी साल होंगी प्राइवेट'

बुधवार को CII की बैठक को संबोधित करते हुए DIPAM के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे ने कहा था कि Air India, Bharat Petroleum (BPCL) का निजीकरण इसी साल हो जाएगा. जबकि Shipping Corporation of India (SCI), Bharat Earth Movers Private Ltd. (BEML), Pawan Hans और Neelachal Ispat Nigam Ltd के प्राइवेटाइजेशन को लेकर बिडर्स ने दिलचस्पी दिखाई है. सरकार ने इस साल के बजट में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसमें दो सरकारी बैंक और LIC में हिस्सेदारी बेचना शामिल है. LIC के आईपीओ लेकर सरकार लगातार आगे बढ़ रही है.

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