खुशखबरी, Petrol 2.43 रुपए लीटर हुआ सस्ता, 100 रुपए के नीचे आया भाव

Petrol Price: पुडुचेरी सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) में 3 फीसदी की कटौती की है. इस कटौती के बाद केंद्र शासित प्रदेश के पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्र में पेट्रोल 2.43 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो गया.

Update: 2021-08-26 05:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश के कई शहरों में पेट्रोल और डीजल (Petrol Diesel Price) 100 रुपए से ज्यादा के भाव पर बिक रहा है. पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए पुडुचेरी (Puducherry ) सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) में 3 फीसदी की कटौती की है. इस कटौती के बाद केंद्र शासित प्रदेश के पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्र में पेट्रोल 2.43 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो गया है.

पेट्रोल पर वैट में कटौती पर फैसला पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने पहले क्षेत्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया था और उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने इसे मंजूरी दी थी. बता दें कि एक हफ्ते पहले तमिलनाडु ने पेट्रोल के दाम 3 रुपए प्रति लीटर घटा दिए थे.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आज कोई बदलाव नहीं
सरकारी तेल कंपनियों ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में किसी भी तरह का बदलवा नहीं किया है. नए रेट के हिसाब से राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल 101.49 रुपये प्रति लीटर है. वहीं, डीजल 88.92 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. मुंबई में भी पेट्रोल 107.52 रुपये प्रति लीटर और डीजल 96.48 पैसे प्रति लीटर है.
100 रुपए के नीचे आई एक लीटर पेट्रोल की कीमत
वैट में कटौती के बाद से पुडुचेरी और कराईकल में पेट्रोल का दाम 100 रुपए के नीचे आ गया है. पुडुचेरी में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 99.52 रुपए और कराईकल में 99.30 रुपए प्रति लीटर हो गई है.
वित्त मंत्री का उत्पाद शुल्क में कटौती से इनकार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कीमतों को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से इनकार कर दिया, जो कि अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. सीतारमण ने पिछले साल रेवेन्यू कलेक्शन बढ़ाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया था. पिछले सात वर्षों में भुगतान किए गए तेल बॉन्ड पर ब्याज कुल 70,195.72 करोड़ रुपए था.

सीतारमण ने कहा कि केंद्र ने पेट्रोलियम उत्पादों को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) व्यवस्था के तहत शामिल करने का विकल्प खुला रखा है. जब भी राज्य इस पर सहमत होंगे, तो इसे जीएसटी के तहत लाया जा सकेगा.


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