आम जनता के लिए अच्छी खबर, बिजली के हाई वोल्टेज से इलेक्ट्रानिक सामान खराब होने पर अब मिलेगा नया!

Update: 2021-10-05 16:34 GMT

नई दिल्ली। देश में करोड़ों ऐसे उपभोक्ता (Consumers) हैं, जिनकी शिकायत रहती है कि बिजली के हाई वोल्टेज (High Voltage of Electricity) के कारण उनका कीमती सामान अक्सर फुंक (Bunrt) जाता है. उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग भी उपभोक्ताओं की परेशानी दूर नहीं कर पाती है. बीती रात को ही गाजियाबाद के भोपुरा इलाके में हाई वोल्टेज से कई घरों के लाखों रुपये के विद्युत उपकरण जैसे मोबाइल चार्जर, टीवी, कूलर, फ्रीज और पंखा समेत बिजली से चलने वाले कई उपकरण फुंक गए. इससे गुस्साए लोगों ने भोपुरा के कृष्णा विहार स्थित विद्युत सब स्टेशन का घेराव कर हंगामा किया. बता दें कि उपभोक्ताओं के शिकायत के बाद भी बिजली विभाग न तो कोई कार्रवाई करती है और न ही मुआवजा देती है. ऐसे में सवाल यह है कि अगर हजारों रुपये के कीमती इलेक्ट्रॉनिक सामान बिजली विभाग की ही गलती से फुंक जाए तो उपभोक्ता क्या करे? क्या उपभोक्ता बिजली विभाग पर मुआवजा का दावा ठोक सकता है?

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के साथ ऊर्जा मंत्रालय का भी साफ कहना है कि ग्राहकों या उपभोक्ताओं के किसी भी हित का उल्लंघन होने पर बिजली कंपनियां बच नहीं सकती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने 20 जुलाई, 2020 से पूरे देश में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू कर दिया है. कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ताओं को कई तरह के अधिकार मिल गए हैं. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 ग्राहक को उन कंपनियों से भी लड़ने का ताकत देता है, जो पहले के उपभोक्ता कानून में नहीं था.

नए कानून के तहत उपभोक्ता अदालतों के साथ-साथ एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) बनाया गया है. इस प्राधिकरण का गठन उपभोक्ता के हितों की रक्षा कठोरता से हो इसके लिए की गई है. कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता न्यायालयों में मामला दर्ज करा सकेगा. पहले के कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था.

1-केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना- इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना होगा. इसके साथ-साथ अनुचित व्यापारिक गतिविधियां, भ्रामक विज्ञापनों और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामलों को भी देखेगा और त्वरित गति से उसका निपटारा करेगा.

2-उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Disputes Redressal Commission) का गठन- इस आयोग का काम है कि अगर आपसे कोई अधिक मूल्य वसूलता है, आपके साथ अनुचित व्यवहार करता है, जीवन के लिए खतरनाक और दोषपूर्ण वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री की जाती है तो इसकी शिकायत सीडीआरसी सुनेगी और फैसला सुनाएगी.

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