इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, इनको मिलेगा इलेक्ट्रिक स्कूटर, तीन साल तक का होगा FREE मेंटेनेंस
आज कल सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर बहुत जोर दे रही है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज कल सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर बहुत जोर दे रही है और इन व्हीकल्स को अपनाने को लेकर भी लगातार प्रमोट किया जा रहा है. दिल्ली में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रमोट करने के लिए हाल ही में स्विच दिल्ली जैसे प्रोग्राम की शुरुआत की गई है जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर सब्सिडी भी दी जा रही है. अब इसी कड़ी में आंध्र प्रदेश ने भी एक अहम फैसला लेते हुए सभी सरकारी कर्मचारियों को ईएमआई पर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर दिलवाने की प्लानिंग की है. इसके लिए आंध्र प्रदेश केंद्र सरकार की एजेंसियों की मदद लेगा.
इसके तहत न सिर्फ आंध्र प्रदेश के वर्तमान कर्मचारियों बल्कि कोऑपरेटिव सोसायटी, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स और पेंशनधारी लोगों को भी शामिल किया जाएगा. ये इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन एक बार चार्ज करने पर 40 से 100 किलोमीटर का रेंज प्रदान करेंगे. इसके साथ ही इन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में तीन साल का एनुअल मेंटेनेंस फ्री में दिया जाएगा. इस इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत को कर्मचारी 24 से 60 महीने के बीच चुका सकते हैं.
गांव में रहने वाले कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा
आंध्र प्रदेश के एनर्जी सेक्रेटरी श्रीकांत नागुलापल्ली के अनुसार इस EMI स्कीम को ऑपरेट करने का अधिकार न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन एपी लिमिटेड (NREDCAP) को दिया जाएगा. इस योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार खासतौर पर ग्रामीण इलाकों पर फोकस करेगी जहां गांव या फिर वार्ड सेक्रेटेरिएट के कर्मचारियों और अन्य कम वेतन पाने वाले कर्मचारी इसका लाभ ले सकेंगे. इसको लेकर आंध्र प्रदेश सरकार जल्द ही ऑफिशियल नोटिस जारी करेगी.
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हब बनने की प्लानिंग कर रहा है आंध्र प्रदेश
इस प्रोजेक्ट में भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्रमोट करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ( EESL) जबरदस्त साझेदारी होगी. आंध्र प्रदेश ने पहले ही अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को रिलीज कर दिया है जिसमें स्टेकहोल्डर्स को डिमांड और सप्लाई दोनों पर इंसेंटिव प्रदान कर के राज्य को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हब बनाने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य सरकार ने ईवी पार्क को डेवलप करने के लिए 500 से 1000 एकड़ जमीन के आवंटन का प्रस्ताव किया है.