किसानों के लिए अच्छी खबर: मेंथा की खेती से कमाएं लाखों रूपए और उठाए सरकार की योजना का फायदा

Update: 2021-08-29 15:37 GMT

भारत में अधिकतर किसान परंपरागत फसलों और पुरानी तकनीक के सहारे ही खेती करते हैं. ऐसे में उन्हें कोई खास मुनाफा भी नहीं होता और साथ ही जमीन की उर्वरक शक्ति भी धीरे-धीरे घटती जाती है. हालांकि, कुछ भारतीय किसान जागरूक हो गए हैं. किसान अब लेमनग्रास और मेंथा जैसी फसलों की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. भारत सरकार एरोमा मिशन के तहत इन फसलों की खेती को बढ़ावा भी दे रही है. एरोमा मिशन से जुड़ी फसलों की खास बात ये है कि इनकी खेती सूखाग्रस्त इलाकों में भी की जा सकती है. इसके अलावा इनके रखरखाव के लिए ज्यादा मेहनत की आवश्यकता नहीं होती. मेंथा की फसल (Mentha Crop) भी इसी लिस्ट में शामिल है. मेंथा के पौधे का ज्यादातर उपयोग परफ्यूम, साबुन, निरमा, डिटर्जेंट, तेल, हेयर आयल, मच्छर लोशन, सिरदर्द की दवा व कास्मेटिक बनाने में किया जाता है. इसके अलावा मेंथा के उत्पादन के मामले में भारत पहले स्थान पर भी है.

किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है मेंथा की खेती

जिस तरह से मेंथा की खेती किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है, उस हिसाब से काफी समय से इस फसल के लिए नई-नई तकनीक और जानकारियों के लिए एक ऐप की जरूरत महसूस हो रही थी. इसी को देखते हुए सीमैप ने मेंथा मित्र (Mentha Mitra App) नाम से एक ऐप लॉन्च किया है. जिसका फायदा लेकर किसान भाई मेंथा की उन्नत किस्मों और तकनीक के बारे में जानकारी हासिल कर अपना मुनाफा लाखों में बढ़ा सकते हैं.

कहां मिलेगा ये ऐप?

किसान भाई इस ऐप को अपने फोन में गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. जिसके बाद वे नाम मोबाइल नंबर, राज्य और पिनकोड अंकित कर इस ऐप में रजिस्टर करके इस ऐप की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. फिलहाल, ये ऐप अभी हिंदी और अंग्रेजी दो भाषाओं में उपलब्ध है.

ऐप के माध्यम से किसानों को दी जा रही हैं ये सुविधाएं

> इस ऐप में किसान भाइयों को मेंथा की तकरीबन 11 किस्मों के बारे में जानकारी के साथ उसकी विशेषताएं बताई गई हैं.

> मेंथा के फसल में कौन से कीट लगते हैं और इनसे बचने के लिए किस तरह के कीटनाशक की जरूरत है इस बारे में भी जानकारी प्रदान की जा रही है.

> रोगों की जानकारी और उससे बचाव के उपाय.

> मेंथा के पौधे से तेल निकालने के लिए डिस्टिलेशन यूनिट के बारे में भी जानकारी दी गई है.

> वीडियो क्लिप के माध्यम से मेंथा की खेती के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी.

> समय-समय पर नोटिफिकेशन के माध्यम से मेंथा की खेती से जुड़े नई तकनीक के बारे में सूचनाएं मिलती रहेंगी.

> फसल को लेकर किसानों मन में कोई दुविधा हो तो इस ऐप के माध्यम से वैज्ञानिक सलाह भी ले सकते हैं.

किसानों की किस्मत बदल रही है मेंथा की खेती

देशभर में उत्तर प्रदेश मेंथा के उत्पादन में पहले स्थान पर है. यहां का बाराबंकी जिला कभी अफीम की खेती के कारण काला सोने के नाम से जाना जाता था. लेकिन ये जिला आज पिपरमिंट यानी मेंथा की खेती में अपनी अलग पहचान बना रहा है. परंपरागत खेती छोड़ मेंथा किसानों की पहली पसंद बनकर उनकी आर्थिक समृद्धि का आधार बन रही है है. 90 दिनों में तैयार होने वाली इस फसल में किसान कुछ ही समय में मुनाफा कमा सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार ये फसल 90 दिनों के भीतर ही किसानों को मुनाफा देना शुरू कर देती है. साथ ही एक एकड़ में इस फसल में केवल 20 से 25 हजार की लागत आती है, जिसपर 1 लाख तक का मुनाफा किसान भाई आसानी से कमा सकते हैं.

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