सोने की कीमतों में आई गिरावट, जानें 10 ग्राम दाम

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने के बावजूद घरेलू बाजार में सोने के दाम तीसरे दिन लुढ़क गए है.

Update: 2021-09-08 12:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने के बावजूद घरेलू बाजार में सोने के दाम तीसरे दिन लुढ़क गए है. दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 264 रुपये प्रति दस ग्राम सस्ता हो गया है. वहीं, इस दौरान चांदी के भाव में मामूली 22 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आई है.एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान लोगों ने सोने में जमकर निवेश किया था. इसी वजह से अगस्त 2020 में सोने के दाम 56,200 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गए है. अब सर्राफा बाजार में सोना 45000 रुपए प्रति 10 ग्राम के बेहद नज़दीक है यानी अब भी 10,060 रुपए सस्ता मिल रहा है.

सोने की नई कीमतें (Gold Price, 8 September 2021)

दिल्ली के सर्राफा बाजार में बुधवार को 99.9 फीसदी वाले सोने के दाम 264 रुपये गिरकर 46,140 रुपये पर आ गए. इससे पहले मंगलवार कीमतें 46,404 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुई थी. हालांकि, शुरुआत गिरावट के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दामों में रिकवरी देखने को मिली. अंत में गोल्ड 1,800 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ.

चांदी की नई कीमतें (Silver Price, 8 September 2021)

सोने के उलट घरेलू बाजार में चांदी की कीमतों में हल्की तेजी आई है. बुधवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में चांदी के भाव 22 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गए. चांदी की कीमतें 63464 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 63486 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी के दाम 24.37 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गए है.

क्यों सस्ता हुआ सोना (Gold prices down sharply)

एचडीएफसी सिक्योरिटीज, सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज), तपन पटेल का कहना है कि विदेशी बाजारों में सोने की कीमतों में शुरुआती गिरावट के बाद रिकवरी देखने को मिली. हालांकि, घरेलू बाजार में ट्रेंड कमजोर बना हुआ है.

जानिए दुनिया में किसके पास है सबसे ज्यादा सोना

गोल्ड भंडार या गोल्ड रिजर्व किसी देश के केंद्रीय बैंक के पास रखा सोना होता है. संकट के दौर में देश के धन की रक्षा और जरूरत पड़ने पर लोगों के धन की वापसी के लिहाज से केंद्रीय बैंक यह खरीद करते हैं.

इसको इस उदाहरण से समझते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर नवंबर 1990 से जून 1991 तक सात महीनों के लिए वे देश के प्रधानमंत्री रहे.

जब चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने तब देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी.पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हो चुकी थी. राजनीतिक हालात भी अस्थिर थे.

भारत की अर्थव्यवस्था भुगतान संकट में फंसी हुई थी. इसी समय रिजर्व बैंक ने 47 टन सोना गिरवी रख कर कर्ज लेने का फैसला किया गया था.इस लिस्ट में टॉप पर अमेरिका आता है.

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने बताया है कि अमेरिका के पास फिलहाल 8133.5 टन सोना है.इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर जर्मनी आता है.

मौजूदा समय में जर्मनी के पास 3362.4 टन सोना है.तीसरे नंबर पर इटली आता है. 31 मार्च 2021 तक इनके पास 2451.8 टन सोना है.इस लिस्ट में नौवें नंबर पर भारत आता है. मौजूदा समय में भारत के पास 695.3 टन सोना है.

Tags:    

Similar News

-->