FSSAI ने निर्देश जारी कर सोया और बादाम मिल्क पर किया सख्ती
फूड सैंपल सर्वे अथॉरिटी (FSSAI) ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है. FSSAI ने अपने फैसले में कहा है कि मिल्क और डेयरी से जुड़े शब्दों का इस्तेमाल नॉन डेयरी प्रोडक्ट और प्लांट बेस्ड प्रॉडक्ट पर नहीं होगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क । दूध के नाम पर कंपनियां बेवकूफ नहीं बना पाएंगी. अब सोया मिल्क या बादाम मिल्क वाले प्रॉडक्ट्स के पैकेट्स पर 'मिल्क' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. फूड सैंपल सर्वे अथॉरिटी (FSSAI) ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है. FSSAI ने अपने फैसले में कहा है कि मिल्क और डेयरी से जुड़े शब्दों का इस्तेमाल नॉन डेयरी प्रोडक्ट और प्लांट बेस्ड प्रॉडक्ट पर नहीं होगा.
डेयरी प्रॉडक्ट्स न होने के बावजूद भी कंपनियां अक्सर मिल्क शब्द का प्रयोग किया करती हैं. इनमें सोया मिल्क, बादाम मिल्क वगैरह आते हैं. ऐसे प्रॉडक्ट्स पर मोटे अक्षरों में मिल्क लिखा रहता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. FSSAI ने ई-कॉमर्स कंपनियों से ऐसे प्रॉडक्ट्स पर से मिल्क शब्द का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया है.
केवल डेयरी प्रॉडक्ट्स पर होगा इस्तेमाल
FSSAI ने अपने फैसले में कहा है कि मिल्क शब्द का इस्तेमाल सिर्फ जानवरों से मिलने वाले दूध और उससे बने प्रोडक्ट के पैक पर ही किया जाए. मिल्क और डेयरी से जुड़े शब्दों का इस्तमाल प्लांट बेस प्रोडक्ट पर नहीं होगा. हालांकि पीनट बटर मिल्क और कोकोनट मिल्क इस शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन्हें अपवाद में रखा गया है.
दिल्ली हाईकोर्ट में भी पहुंचा मामला
बता दें कि यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी चल रहा था. को-ऑपरेटिव डेयरी सेक्टर की सर्वोच्च संस्था National Cooperative Dairy Federation of India (NCDFI) इस मामले को कोर्ट लेकर गई थी. संस्था ने याचिका में तर्क दिया गया कि सोया मिल्क और बादाम से बनाए गए प्रोडक्ट्स को 'दूध' नहीं कहा जा सकता है. याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने FSSAI, दिल्ली सरकार समेत कई कंपनियों से उनका पक्ष मांगा था.
Fssai Soya And Tofu Milk
खाद्य सुरक्षा नियमों और मानकों का ध्यान नहीं!
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाजार में कई तरह के ऐसे प्रॉडक्ट्स बिक रहे हैं, जिनमें खाद्य सुरक्षा नियमों और मानकों का ध्यान नहीं रखा जाता है. ओट्स मिल्क, बादाम मिल्क, सोया मिल्क, टोफू पनीर जैसे कई उत्पाद मानकों के विपरीत बिक रहे हैं. ऐसे प्रॉडक्ट्स को लेकर FSSAI ने कार्रवाई का भी निर्देश दिया है.
FSSAI ने इस संबंध में पत्र जारी कर कार्रवाई के लिए और अभियान चलाने के लिए निर्देश जारी किए हैं. इस फैसले से नॉन डेयरी प्रोडक्ट और प्लांट बेस डेयरी प्रोडक्ट के पैक पर मिल्क शब्द का इस्तेमाल करने पर एफएसएसएआई ने अब पूरी तरह से रोक लग सकेगी.
एफएसएसएआई के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि है कि मिल्क शब्द का इस्तेमाल सिर्फ जानवरों से मिलने वाले दूध और उससे बने प्रोडक्ट के पैक पर ही किया जाए. वर्तमान में कई ऐसे ब्रांड हैं जिसमें सोया, ओट्स, काजू, बादाम, अखरोट, सोया, आलमंड मिल्क व अन्य वस्तुओं से बनाए गए प्रॉडक्ट्स को मिल्क प्रॉडक्ट कहकर बेचते हैं, लेकिन अब इसकी मनाही रहेगी.