PF अकाउंट से लेकर LPG सिलेंडर तक, इन खबरों से आम आदमी पर पड़ेगा सीधा असर, जानें
बीमा नियामक इरडा ने ग्राहकों केहित में अहम फैसला लेते हुए बीमा कंपनियों को इजाजत दी है कि वे पॉलिसीधारकों को कोरोना...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| बीमा नियामक इरडा ने ग्राहकों केहित में अहम फैसला लेते हुए बीमा कंपनियों को इजाजत दी है कि वे पॉलिसीधारकों को कोरोना हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू, माइग्रेट या पोर्ट कराने का विकल्प दें. इन पॉलिसियों को जून 2020 में ही शुरू किया गया था.
स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोरोना रक्षक और कोरोना कवच शामिल है. इनकी अवधि 3.5 महीने, 6.5 महीने और 9.5 महीने की है. कोरोना महामारी का असर लोगों पर आर्थिक रूप से भी पड़ा है. इसी को देखते हुए इरडा ने यह कदम उठाया है. स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोरोना रक्षक और कोरोना कवच शामिल है. इनकी अवधि 3.5 महीने, 6.5 महीने और 9.5 महीने की है. कोरोना महामारी का असर लोगों पर आर्थिक रूप से भी पड़ा है. इसी को देखते हुए इरडा ने यह कदम उठाया है.
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हालांकि अगर कोई कस्टमर ऐसा भी है जिसने डिस्ट्रीब्यूटर को मोबाइल नंबर अपडेट नहीं कराया है तो डिलीवरी बॉय के पास के ऐप होगा जिसके जरिए आप रियल टाइम अपना नंबर अपडेट करवा पाएंगे. और उसके बाद कोड जनरेट कर सकेंगे. ऐसे में उन कस्टमर्स की मुश्किलें बढ़ जाएँगी जिनका एड्रेस गलत और मोबाइल नंबर गलत हैं तो इस वजह से उन लोगों की सिलेंडर की डिलीवरी रोकी जा सकती है. हालांकि अगर कोई कस्टमर ऐसा भी है जिसने डिस्ट्रीब्यूटर को मोबाइल नंबर अपडेट नहीं कराया है तो डिलीवरी बॉय के पास के ऐप होगा जिसके जरिए आप रियल टाइम अपना नंबर अपडेट करवा पाएंगे. और उसके बाद कोड जनरेट कर सकेंगे. ऐसे में उन कस्टमर्स की मुश्किलें बढ़ जाएँगी जिनका एड्रेस गलत और मोबाइल नंबर गलत हैं तो इस वजह से उन लोगों की सिलेंडर की डिलीवरी रोकी जा सकती है.
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ईपीएफओ ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश की गई अपनी रकम को बाजार में बेचने की योजना बनाई है. EPFO अंशधारकों को 8.5 फीसदी की दर से ब्याज का पूरा भुगतान करने के लिए यह फैसला लिया गया था. लेकिन, कोरोना की वजह से बाजार में भारी उठापटक के चलते ऐसा नहीं किया जा सका. इसलिए ब्याज दो किस्तों में दिया जा रहा है. ईपीएफओ ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश की गई अपनी रकम को बाजार में बेचने की योजना बनाई है. EPFO अंशधारकों को 8.5 फीसदी की दर से ब्याज का पूरा भुगतान करने के लिए यह फैसला लिया गया था. लेकिन, कोरोना की वजह से बाजार में भारी उठापटक के चलते ऐसा नहीं किया जा सका. इसलिए ब्याज दो किस्तों में दिया जा रहा है.
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