एक महीने में दो बार मिलेगा फ्री राशन, जानिए कैसे उठाएं फायदा

Ration Card Latest News: गरीब कल्याण योजना की अवधि बढ़ने के बाद, अब पात्र राशन कार्डधारकों को हर महीने 10 किलोग्राम मुफ्त में राशन मिल सकेगा. लाभार्थी महीने में दो बार मुफ्त में गेहूं और चावल का फायदा उठा सकेंगे.

Update: 2022-02-05 03:41 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राशन कार्ड धारकों के लिए जरूरी खबर है. आप जान लीजिए कि राशन कार्ड होल्डर्स को एक महीने में दो बार फ्री राशन मिल रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana: PMGKY) के तहत मार्च 2022 तक मुफ्त राशन वितरण अभियान को बढ़ा दिया है. इसके बाद, उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ से ज्यादा राशन कार्डधारकों को मुफ्त में दोगुना राशन मिल रहा है. दरअसल, उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव को लेकर सरकार कई ऐलान कर रही हैं.

फ्री मिलेगा दोगुना राशन!
केंद्र सरकार के गरीब कल्याण योजना की अवधि बढ़ने के बाद, अब यूपी के पात्र राशन कार्डधारकों को हर महीने 10 किलोग्राम मुफ्त में राशन मिल मिल रहा है. दरअसल, अब लाभार्थियों को महीने में दो बार मुफ्त में गेहूं और चावल का फायदा मिल रहा है. इसके साथ ही फ्री में दाल, खाने वाला तेल और नमक भी दिया जा रहा है.
गरीबों को मिल रहा है इस योजना का लाभ
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बाद, आर्थिक तौर पर कमजोर गरीबों, मजदूरों को सरकार गरीब कल्याण योजना के तहत सहारा दे रही है. पीएमजीकेवाई की अवधि नवंबर में खत्म होने वाली थी, लेकिन प्रदेश की योगी सरकार ने इसे होली तक बढ़ा दिया और मुफ्त राशन वितरण का ऐलान कर दिया. अब अंत्योदय राशन कार्डधारकों और पात्र परिवारों को दिसंबर से दोगुणा राशन दिया जा रहा है. इस अन्न योजना के अंतर्गत करीब 13007969 इकाइयां और पात्र घरेलू कार्डधारकों की 134177983 इकाइयां सूबे में हैं.
केंद्रीय मंत्री ने दिखाई सख्ती!
केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने राशन दुकानों के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंदों के लिए सरल और पारदर्शी सामुदायिक रसोई स्थापित करने की योजना की रूपरेखा पर विचार करने को लेकर राज्य के खाद्य सचिवों के एक समूह के गठन की घोषणा की. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राज्य के खाद्य मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान इस संबंध में निर्णय लिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश
यह बैठक उच्चतम न्यायालय की तरफ से दिए गए निर्देश के बाद बुलाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र को तीन सप्ताह के भीतर राज्यों की सहमति के आधार पर सामुदायिक रसोई योजना का मॉडल तैयार कर ले. गोयल ने योजना की रूपरेखा पर विचार-विमर्श करने के लिए राज्य के खाद्य सचिवों के एक समूह की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा,'एक सामुदायिक रसोई योजना तैयार करने की आवश्यकता है – जो सरल, पारदर्शी और लोगों के लाभ में हो.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'गुणवत्ता, स्वच्छता, विश्वसनीयता और सेवा की भावना के चार स्तंभों पर एक सामुदायिक रसोई बनाने की जरूरत है. यह हमें, कोई भी भूखा नहीं सोये के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा.' एक सरकारी बयान के अनुसार, 'बैठक में मंत्री के हवाले से कहा गया है कि सामुदायिक रसोई समुदाय द्वारा संचालित और समुदाय के कल्याण के लिए और समुदाय की ही होगी.'


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