65 लाख रुपये तक फ्री इंश्योरेंस, बैंक ग्राहक ऐसे उठाए नई स्कीम का फायदा

Update: 2021-03-18 14:52 GMT

नई दिल्ली। जब कोई बैंक दिवालिया हो जाता है, तो जमाकर्ता के पास एकमात्र राहत डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी डीआईसीजीसी द्वारा दिया जाने वाला इंश्योरेस कवर होता है. 4 फरवरी, 2020 से डीआईसीजीसी के तहत इंश्योरेंस कवर 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक बढ़ाया गया है. हालांकि 5 लाख का इंश्योरेस कवर कई जमाकर्ताओं के लिए अपर्याप्त हो सकती है. क्या आप जानते हैं कि आप 5 लाख के बीमा कवर को बढ़ा सकते हैं और विभिन्न बैंकों में अपनी जमा राशि का प्रसार किए बिना कुल 65 लाख रुपये या ज्यादा तक का कवर पा सकते हैं? अब सवाल उठता है कि आप एक ही बैंक और एक ही ब्रांच में 65 लाख रुपये या उससे का कवर कैसे प्राप्त कर सकते हैं?

डीआईसीजीसी द्वारा दिया जाने वाला बीमा कवर सेविंग अकाउंट्स, एफडी, करंट आकाउंट्स, आरडी आजि जैसे डिपॉजिट पर काम करता है. हालांकि, कुछ डिपॉजिट हैं जिन्हें बाहर रखा गया है जैसे कि विदेशी सरकारों, केंद्र/राज्य सरकारों की जमा राशि, राज्य सहकारी बैंक के साथ राज्य भूमि विकास बैंक, इंटर बैंक जमा आदि.

डिपॉजिट इंश्योरेंस कैसे काम करता है?

डीआईसीजीसी के गाइडलाइंस के मुताबिक, बैंक के लाइसेंस रद्द की तारीख या मर्जर या पुनर्निर्माण के दिन बैंक में प्रत्येक जमाकर्ता को उसके पास मूलधन और ब्याज की राशि के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये तक का बीमा किया जाता है. इसका मतलब यह है कि एक ही बैंक में आपके सभी अकाउंट्स को मिलाकर कितना ही पैसा जमा क्यों न हो, आपको केवल 5 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इस राशि में मूलधन और ब्याज की राशि दोनों शामिल हैं. बैंक के विफल होने पर अगर आपकी मूल राशि 5 लाख रुपये है, तो आपको केवल यह राशि वापस मिलेगी और ब्याज नहीं.

डीआईसीजीसी के गाइडलाइंस के मुताबिक, यदि आप एक ही बैंक में अलग-अलग राइट्स और कैपेसिटीज में डिपॉजिट रखते हैं, तो आपकी प्रत्येक डिपॉजिट राशि पर 5 लाख रुपये का कवर का मिलेगा.

सेबी रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर और फाइनेंशियल प्लानिंग फर्म हम फौजी इनिशिएटिव्स के सीईओ कर्नल संजीव गोविला (सेवानिवृत्त) कहते हैं, ''जमाकर्ता एक ही बैंक में अलग-अलग राइट्स और कैपेसिटीज में एफडी खोल सकते हैं. आसान भाषा में कहें तो यदि आप एक ही बैंक में एफडी को अपने जीवनसाथी, भाई या बच्चों के साथ जॉइंट होल्डर के रूप में खोलते हैं तो इन सभी एफडी को अलग-अलग राइट्स और कैपेसिटीज में माना जाएगा, और प्रत्येक अकाउंट पर अलग से 5 लाख रुपये तक का इंश्योरेस कवर मिलेगा.''

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