मार्च महीने में FPI अब तक बने हुए हैं शुद्ध बिकवाल, कर चुके हैं 5,156 करोड़ रुपये की निकासी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक मार्च महीने में अब तक शुद्ध रूप से बिकवाल बने हुए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: नई दिल्ली, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक मार्च महीने में अब तक शुद्ध रूप से बिकवाल बने हुए हैं। अमेरिका में बॉन्ड पर प्राप्ति बढ़ने तथा मुनाफावसूली के सिलसिले के बीच मार्च के पहले सप्ताह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने भारतीय बाजारों से 5,156 करोड़ रुपये की निकासी की है। इससे पहले साल 2021 के शुरुआती दोनों महीनों में एफपीआई भारतीय बाजार में शुद्ध निवेशक रहे थे। हालांकि, मार्च महीने के पहले सप्ताह में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजारों की बजाय ऋण व बॉन्ड बाजारों से अधिक निकासी की है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से पांच मार्च के बीच विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 881 करोड़ रुपये की निकासी की है। साथी ही एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से 4,275 करोड़ रुपये निकाले हैं। इस तरह एफपीआई की शुद्ध निकासी मार्च के पहले सप्ताह में 5,156 करोड़ रुपये रही है। इससे पहले फरवरी में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 23,663 करोड़ रुपये और जनवरी में 14,649 करोड़ रुपये डाले थे।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की इस निकासी का कारण बाजार के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचने की वजह से निवेशकों द्वारा मुनाफा काटा जाना है। साथ ही बॉन्ड पर प्राप्ति बढ़ने तथा मुद्रास्फीति की वजह से भी शेयरों में एफपीआई का निवेश प्रभावित हुआ है।
वहीं, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने बताया कि मार्च महीने में एफपीआई द्वारा बिकवाली किये जाने का प्रमुख कारण अमेरिका में बॉन्ड पर प्राप्ति बढ़ना और डॉलर इंडेक्स का मजबूत होना है। इसके अलावा ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) हर्ष जैन ने कहा कि जब भी अमेरिका में बॉन्ड पर प्राप्ति बढ़ती है, इसी तरह का रुख देखने को मिलता है।